जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। तीन नए कृषि कानूनों (Farm Law) के खिलाफ किसानों का आंदोलन अब तक जारी है। इसके साथ ही किसानों का आंदोलन अब बड़ा रूप लेता दिख रहा है।
सरकार इस आंदोलन को ख़त्म करना चाहती है लेकिन अब तक कामयाब नहीं हुई है। इतना ही नहीं सरकार और किसानों के बीच पांच बार बातचीत हुई है लेकिन अब तक इसका कोई हल नहीं निकला है। किसानों का आंदोलन अब देशव्यापी आंदोलन बनता दिख रहा है।
देशभर के किसान संगठनों ने 8 दिसंबर को भारत बंद ( Bharat Bandh on 8th December) का ऐलान किया है। भारत बंद में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान समेत कई राज्यों के किसान संगठन भी शामिल होने जा रहे है।
कांग्रेस समेत दर्जन भर दलों का बंद को समर्थन
इस वजह सरकार की नींद उड़ती नज़र आ रही है। जानकारी मिल रही है इस बंद को कई राजनीतिक दल भी समर्थन देने का फैसला कर चुके हैं। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी बंद का समर्थन किया है।
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कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा का इस बंद को लेकर बयान भी सामने आ गया है। उन्होंने कहा की कांग्रेस ने 8 दिसंबर को भारत बंद का समर्थन करने का फैसला किया है। हम अपने पार्टी कार्यालयों पर भी प्रदर्शन करेंगे।
Congress has decided to support the Bharat Bandh on December 8. We will be demonstrating the same at our party offices. It will be a step strengthening Rahul Gandhi’s support to the farmers. We will ensure that the demonstration is successful: Congress Spokesperson Pawan Khera pic.twitter.com/lyb3BmTBz9
— ANI (@ANI) December 6, 2020
यह किसानों को राहुल गांधी के समर्थन को मजबूत करने वाला कदम होगा। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रदर्शन सफल हो।
यूपी कांग्रेस ने कहा कि केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ देशभर के किसान संगठन आंदोलनरत हैं। किसान विरोधी काले कानूनों को लेकर किसान संगठनों ने 8 दिसम्बर को भारत बंद की घोषणा की है। कांग्रेस पार्टी सड़कों पर उतर कर भारत बन्द का समर्थन करेगी।
उधर 8 दिसंबर को पूरे देश में होने वाली हड़ताल में कांग्रेस समेत 18 बड़े विपक्षी दलों ने किसानों का साथ देने का फैसला किया है। रविवार को कश्मीर में तैयार हुए गुपकार गठबंधन (गुपकार गठबंधन में 7 पार्टियां शामिल हैं), वाम दलों (Left Parties), आरएसपी (RSP), डीएमके (DMK), आरजेडी (RJD), तृणमूल कांग्रेस (TMC), तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) और दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) भी किसानों के समर्थन में आ गईं हैं।
जैसे-जैसे दिन गुजरते जा रहे हैं, किसानों का आंदोलन जोर पकड़ता जा रहा है।सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर के बाद अब नोएडा-दिल्ली के चिल्ला बॉर्डर पर भी किसान डट गए हैं।
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