जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सियासत में अच्छा खासा दखल रखने वाले आजम खान इन दिनों काफी परेशान है। बीजेपी के साथ उनकी लड़ाई ने राजनीतिक करियर को अच्छा खासा नुकसान पहुंचाया है।
इतना ही नहीं दो साल तक उनको जेल में बंद रहना पड़ा और फिर किसी तरह से सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली और जेल से बाहर आ गए लेकिन इसके बाद 2019 के हेट स्पीच केस में रामपुर की एक अदालत ने उनको दो साल की सजा सुना दी। इस मामले में उनको जेल काटने के बाद विधायकी से भी हाथ धोना पड़ गया और चुनाव लडऩे पर भी रोक लग गई।
इसके साथ ही उप चुनाव में बीजेपी के आशीष सक्सेना उनकी सीट पर कब्जा कर लिया लेकिन अब इस मामले में एक बड़ा खुलासा सामने आया है। दरअसल अब कहीं जाकर कोर्ट को पता चला कि वो बेकसूर थे। ऐसे में आजम खान की ये जीत हो सकती है लेकिन उनके हाथ से अब सबकुछ निकल चुका है।
मीडिया रिपोट्र्स की माने तो रामपुर के एडिशनल सेशन जज अमितवीर सिंह ने लोअर कोर्ट के उस फैसले को खारिज कर दिया जिसमें आजम खान को दो साल की सजा सुनाई गई थी। 27 अक्टूबर 2022 को एडिशन चीफ जूडिशियल मजिस्ट्रेट निशांत मान-1 ने आजम को हेट स्पीच का दोषी माना था।
आजम पर आरोप था कि 2019 के चुनाव के दौरान उन्होंने यूपी के सीएम योगी के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था। उसके बाद ये केस दर्ज हुआ। अब इस नये फैसले से आजम खान को राहत तो मिली लेकिन आगे अब वो क्या करेंगे। इसका फैसला आजम खान के वकील को तय करना होगा।
आजम की कोर्ट में पैरवी करने वाले एडवोकेट जुबैर अहमद का कहना है कि फैसले की कॉपी को देखकर वो भविष्य की रणनीति तैयार करेंगे। उनका कहना है कि इस केस की वजह से आजम खान साहब को जेल भी जाना पड़ा। उनकी विधायकी भी चली गई।
यहां तक कि मतदाता सूची से उनका नाम भी हटा दिया गया। अब हम देखेंगे कि आगे क्या हो सकता है। बता दें कि आजम खान के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है जबकि उनकी सेहत भी लगातार खराब रह रही है। उनको कई बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है लेकिन इस राहत के बाद देखना होगा कि आजम खान अगला कदम क्या उठाते हैं।