जुबिली पोस्ट ब्यूरो
देहरादून। उत्तराखंड में नैनीताल के रामनगर में बड़ी नहर में महिला का शव उतरता दिखा। जिसे बाहर निकाला तो देखने वाले सन्न रह गए। महिला के पैर बांधे हुए थे, कपड़े फटे हुए थे और चेहरा तेजाब से जलाया गया था। मामला रामनगर के नंदपुर चिल्किया का है।
पहचान छिपाने के लिए चेहरे को जलाने का भी प्रयास किया गया। पुलिस के तमाम प्रयासों के बावजूद खबर लिखे जाने तक शव की शिनाख्त नहीं हो पाई। पुलिस शव की शिनाख्त के साथ ही घटना की जांच में जुटी है।
ग्रामीणों ने ग्राम चिल्किया नंदपुर की बड़ी नहर में महिला का शव देखा। सूचना मिलने पर कोतवाल रवि कुमार सैनी समेत कई पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। सीढ़ी के सहारे शव को नहर से निकाल गया। मृतका की उम्र करीब 23 साल बताई जा रही है। उसने लाल रंग की कमीज और सलवार पहनी थी।
संभावना जाताई जा रही है कि कहीं और हत्या कर सबूत मिटाने के लिए शव को गहरी नहर में फेंका गया। पुलिस ने स्थानीय ग्रामीणों से शव की शिनाख्त के प्रयास किए तो उनका कहना था कि महिला आसपास के क्षेत्र की नहीं लग रही है। पुलिस ने पंचनामा भर शव मोर्चरी में रख दिया। फोटो से उसकी शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे हैं।
एसपी सिटी अमित श्रीवास्तव ने भी मौका मुआयना किया। बताया कि जल्द ही महिला की शिनाख्त कर हत्याकांड का खुलासा किया जाएगा। इसके लिए यूपी समेत आसपास के जिलों के थानों को भी सूचित कर दिया गया है।
पिछले माह बैलपड़ाव के करकट नाले में भी एक महिला का कंकाल मिला था। जबकि इससे पहले कोसी, क्यारी रोड पर मिले शवों की भी शिनाख्त न होने से पूर्व की कई घटनाओं का खुलासा नहीं हो सका है।
महिला के शव के पास एक तौलिया, एक चादर, एक रुमाल मिला है। देखने में ये तीनों किसी होटल के लग रहे हैं। कोतवाल के निर्देश पर पुलिस टीम ने पीरूमदारा, ढिकुली, पाटकोट गांव के स्थानीय होटल और रिजॉर्टों में पहुंचकर जांच की।
उद्देश्य यह था कि अगर यहां किसी के साथ महिला आई होगी तो उसकी पहचान हो जाएगी। चिल्किया निवासी छोटे पुत्र नन्हे को जब पता चला कि एक महिला का शव मिला है तो वह मौके पर पहुंचे।
उसने कोतवाल को बताया कि देखने में वह उसकी पत्नी मोनिका जैसी लग रही है, जो चार माह से लापता है। उसकी गुमशुदगी दर्ज है। छोटे ने बताया कि उसकी पत्नी के हाथ पर उसका नाम गुदा है। इस पर पुलिस ने महिला के दोनों हाथों को देखा तो उसका नाम नहीं मिला।
रामनगर फल पट्टी क्षेत्र है। इस कारण कोसी, दाबका से उपखनिज निकासी बंद होने के बाद तमाम मजदूर आम, लीची के बगीचों में पहरेदारी कर रहे हैं। इनमें से अधिक मजदूरों का सत्यापन नहीं हो सका है। इनमें से कइयों के आपराधिक प्रवृत्ति का भी होने की आशंका है। पुलिस अब बगीचों के ठेकेदारों से लेबरों का सत्यापन कराने को कहा है।