Tuesday - 29 October 2024 - 3:06 PM

हर दल का फोकस युवा वोटर्स पर, इस मामले में BJP ले रही लीड

  • राज्य के आगामी विधानसभा चुनावों में युवा वोटर निभाएंगे अहम भूमिका

राजेन्द्र कुमार

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा भले ही अभी नहीं हुई हो, लेकिन सभी राजनीतिक दल युवा वोटर्स के जोड़ घटाव में जुट गए हैं। हर राजनीतिक दल की नजर यूपी के युवा वोटर्स पर है।

प्रदेश में कुल 14.40 करोड़ वोटर्स हैं। इनमें करीब 45 प्रतिशत से ज्यादा वोटर्स की उम्र 18-40 साल के बीच है। मतलब राज्य में सबसे ज्यादा संख्या युवा वोटर्स की है। ये युवा वोटर्स ही आगामी विधानसभा चुनावों में अहम भूमिका निभाएंगे।

जिसका संज्ञान लेते हुए ही समाजवादी पार्टी (सपा) बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस के नेता अब युवा वोटर्स को लुभाने के लिए तरह तरह की वायदे कर रहे हैं। युवा वोटर्स को अपने साथ जोड़ने के मामले में योगी सरकार विपक्षी दलों से काफी आगे है। इसकी वजह सरकार द्वारा बीते साढ़े चार वर्षों में साढ़े चार लाख से अधिक युवाओं को मुहैया कराई गई सरकारी नौकरी और छोटे बड़े उद्योगों में उपलब्ध कराए गए रोजगार तथा पढ़ने के लिए समय से मुहैया कराई छात्रवृति आदि इत्यादि है।

योगी सरकार के युवाओं के हक में किए गए ये कार्य ही विपक्षी दलों पर भारी पड़े रहे हैं। यूपी का यह युवा वोटर अब विकास और रोजगार चाहता है। उसे जाति, धर्म और क्षेत्रीय समीकरणों के आधार पर चुनाव लड़ने वाले विपक्षी दलों का साथ नहीं चाहिए।

इस युवा को चाहिए बेहतर स्कूल, कालेज और यूनिवर्सिटी तथा बेहतर नौकरी। रोजगार के अवसर। जो राजनीतिक दल यूपी के युवाओं की इस मंशा की अनदेखी करता है। ये उसके साथ नहीं देता। यूपी का यह युवा वोटर प्रदेश को अपनी लाभ के लिए यूज करने वाले राजनीतिक दलों को सबक सिखाता रहा है।

इस युवा वोटर ने ही वर्ष 2007 में मुलायम सिंह यादव के शासन की राजनीतिक उठापटक से ऊब कर मायावती को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पहुंचाया था। मायावती सरकार में इस युवा वोटर को ध्यान में रखकर योजनाएं नहीं बनाई गई तो फिर इस वोटर ने वर्ष 2012 में अखिलेश यादव को यूपी की सत्ता सौपी। परन्तु अखिलेश सरकार ने युवाओं को सरकारी नौकरी तथा रोजगार मुहैया कराने पर ध्यान नहीं दिया। तो फिर यूपी के युवा वोटरों ने बीजेपी का साथ दिया और वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनी।

योगी सरकार ने सबका साथ सबका विकास की अवधारणा के तहत राज्य को विकास के रास्ते पर लाने के प्रयास शुरू किए। जिसके तहत उन्होंने यूपी में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के प्रयास।

लाखों युवाओं को भारी तथा मध्यम उद्योगों और सूक्ष्म, लघु एवं मध्य उद्योगों में रोजगार मिला। इसके साथ योगी सरकार ने युवाओं को सरकारी नौकरी मुहैया करने पर ध्यान केंद्रित कर साढ़े चार लाख से अधिक युवाओं को नौकरी दी।

इसके साथ ही सरकार ने अनुपूरकबजट में युवाओं के रोजगार के लिए 3000 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई। स्नातक, परास्नातक, डिप्लोमा आदि पाठ्यक्रमों में पढ़ाई कर रहे एक करोड़ युवाओं को सरकार ने मुफ्त में टैबलेट या स्मार्ट फोन देने का फैसला भी किया है।

इस दिसंबर से ही युवाओं को टैबलेट या स्मार्ट मिलने लगेंगे। इसके अलावा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को तीन बार भत्ता दिए जाने का फैसला भी योगी सरकार ने किया है ।

इसके अलावा संस्कृत विद्यालय में शिक्षकों की भर्ती तथा अलग-अलग विभागों में रिक्त 75 हजार पदों पर जल्द भर्ती होगी। युवाओं की बेहतर शिक्षा मुहैया कराने के लिए योगी सरकार ने साढ़े चार वर्षों में आठ नए विश्वविद्यालय, 77 नए राजकीय महाविद्यालय, 28 इंजीनियरिंग कालेज, 26 पालीटेक्निक, 79 आईटीआई, 250 इंटरकालेज, 771 कस्तूरबा विद्यालयों की सौगात प्रदेश को दी। आपरेशन कायाकल्प, मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना, अटल आवासीय विद्यालय योजना भी योगी सरकार ने शुरू। इसका लाभ भी यूपी के युवा को मिलेगा।

योगी सरकार के यह कार्य यूपी के युवाओं को भा रहे हैं। यूपी के युवाओं का बीजेपी के प्रति दिख रहा ये रुझान विपक्षी दलों की नींद उढ़ा रहा है। ऐसे में यूपी के युवाओं को लुभाने के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा ने इंटर पास छात्राओं को फ्री स्मार्ट फोन और स्नातक पास बेटियों को स्कूटी देने का ऐलान किया है।

आईआईटी, एनआईटी, मेडिकल और लॉ की पढ़ाई करने वाले युवाओं को पार्टी से जोड़ा जा रहा है, ताकि उनके जरिए ज्यादा से ज्यादा युवाओं को कांग्रेस के करीब लाया जा सके। युवाओं को अपने साथ करने के लिए प्रियंका ने ‘बनें यूपी की आवाज’ नाम से नया अभियान चलाया है।

वही सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अभी तक प्रियंका गांधी की तरह युवाओं के लिए कोई घोषणा नहीं ही है, लेकिन उनकी पार्टी के नेता कह रहे हैं कि पार्टी 10 लाख युवाओं को रोजगार, शिक्षामित्रों को फिर से सहायक अध्यापक बनाने जैसे वादों को चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करने की प्लानिंग है।

जाहिर है कि वह युवाओं को पार्टी से जोड़ने के लिए जल्दी ही कई घोषणाएं करेंगे। बसपा सुप्रीमों ने भी युवाओं को रोजगार देने का ऐलान कर दिया। मायावती ने कहा कि अगर बसपा की सरकार बनती है तो यूपी से पलायन रोकने के लिए हर युवा को रोजगार दिया जाएगा।

यह कार्य वह कैसे करेंगी, यह उन्होंने नहीं बताया है? सपा, बसपा और कांग्रेस नेताओं के युवाओं को अपने पाले में लाने के लिए जा रहे इन प्रयासों के बीच बीजेपी नेता भी युवाओं को बता रहे हैं कि उनके हित वाले जो कार्य सपा, बसपा, और कांग्रेस ने सत्ता में रहेते हुए नहीं किए वह सारे कार्य योगी सरकार ने किए हैं और आगे भी बीजेपी सरकार युवाओं को सरकारी नौकरी, उद्योगों में रोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही उनकी पढ़ाई का बेहतर प्रबंध करते हुए उन्हें समय से छात्रवृति आदि मुहैया कराएगी। बीजेपी नेताओं के यह दावे यूपी के युवाओं को भा रहे हैं क्योंकि इस सरकार में लाखों युवाओं को नौकरी तथा रोजगार मिले हैं। जिसके चलते ही युवाओं को अपने पाले में लाते हुए बीजेपी अन्य दलों से अभी आगे दिख रही है।

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