जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. अमेरिका में दुकान चलाने वाले एक भारतीय को दस लाख डालर भी ईमानदारी की राह से डिगा नहीं सके. यह भारतीय ऐसे मुकाम पर खड़ा था जहां बेईमानी का रास्ता चुनता तो किसी को कानो-कान खबर नहीं होती लेकिन उसने तय किया कि यह रकम जिसे मिलनी चाहिए उसे ही मिलेगी और वह इतनी बड़ी रकम पर भी अपना ईमान खराब नहीं करेगा.
हुआ यूं कि अमेरिका के मैसाचुसेट्स राज्य में भारतीय मूल के एक परिवार की दुकान है. इस दुकान से एक महिला नियमित रूप से लाटरी का टिकट खरीदती है. इस बार भी उसने टिकट खरीदा. जिस दिन ईनाम खुला उस दिन उसने टिकट को खुरचा लेकिन ईनाम की लिस्ट में उसके टिकट का नम्बर नहीं मिला तो वह टिकट दुकान में ही फेंककर चली गई.
दस दिन तक वह टिकट उसी दुकान में पड़ा रहा. दुकान मालिक के बेटे अभि शाह ने वह टिकट उठाया तो देखा कि उसका नम्बर पूरी तरह से खुरचा ही नहीं गया है. उसने पूरा नम्बर खुरचा तो उस टिकट पर दस लाख डालर का इनाम निकला था. अभि ने सोचा कि इन पैसों से वह अपने लिए शानदार कार खरीदेगा. दस लाख की लाटरी के टिकट ने इस पूरे परिवार की नींद उड़ा दी. यह परिवार यह तय नहीं कर पा रहा था कि यह पैसा लेना जायज़ होगा या नहीं. परिवार किसी फैसले पर नहीं पहुँच पाया तो अभि ने भारत में रहने वाली अपनी दादी को फोन कर पूरी बात बताई. दादी ने कहा कि जिसने टिकट खरीदा था उसे लौटा दो. इन पैसों पर उसी का हक़ है.
यह भी पढ़ें : सुपर स्पेशियालिटी अस्पताल के साथ नमाज़ की तैयारी करेगी यह मस्जिद
यह भी पढ़ें : अखिलेश के संसदीय क्षेत्र में सीएम योगी ने लोगों से किया संवाद
यह भी पढ़ें : हरीश चन्द्र धानुक : मोहर्रम में देखना तुम्हें ढूंढेगा लखनऊ
यह भी पढ़ें : डंके की चोट पर : नदियों में लाशें नहीं हमारी गैरत बही है
इसके बाद इस परिवार ने टिकट लौटाने का फैसला किया. अभि ने उस महिला को उसका टिकट सौंप दिया. अचानक से दस लाख डालर मिल जाने से वह महिला ली रोज़ फियेगा रो पड़ी. इस ईमानदारी के लिए भारतीय परिवार की अमेरिका में खूब प्रशंसा हो रही है. अमरीकी टेलिविज़न और अखबारों में अभि का परिवार खूब सुर्खियाँ बटोर रहा है.