जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनावी समर में माननीय बनने की कोशिश में मैदान में उतरे अधिकांश उम्मीदवार करोड़पति हैं. सभी राजनीतिक दलों ने ऐसे उम्मीदवारों पर भरोसा किया है जो धन्ना सेठ हैं. उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव सात चरणों में हो रहा है. चार चरण का चुनाव सम्पन्न हो चुका है. पांचवें चरण का चुनाव रविवार 27 फरवरी को है.
आज हम छठे चरण के चुनाव के करोड़पति उम्मीदवारों की चर्चा करने जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश इलेक्शन वाच और एसोसियेशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म (ADR) ने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरे सभी उम्मीदवारों के शपथपत्रों का अध्ययन किया है.
छठे चरण में 57 सीटों पर अपनी किस्मत अजमाने उतरे 670 उम्मीदवारों में से 253 यानि 38 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं. यह प्रतिशत ही हमारे चुनावों में धनबल की भूमिका को स्पष्ट कर देता है. यह किसी एक राजनीतिक दल की बात नहीं है. सभी दलों ने सबसे ज्यादा भरोसा धनकुबेरों पर ही किया है.
समाजवादी पार्टी ने 57 में से 48 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. इनमें से 45 करोड़पति हैं. मतलब सपा ने 94 फीसदी करोड़पति उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है. भारतीय जनता पार्टी ने 52 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं. इनमें से 42 यानि 81 फीसदी करोड़पति उम्मीदवार हैं.
बहुजन समाज पार्टी ने सभी 57 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किये हैं. इनमें से 44 यानि 77 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं. कांग्रेस के 56 उम्मीदवारों में से 26 और आम आदमी पार्टी के 51 में से 14 उम्मीदवार करोड़पति हैं.
सबसे ज्यादा सम्पत्ति घोषित करने वालों की बात करें तो समाजवादी पार्टी के गोरखपुर की चिल्लूपार सीट से मैदान में उतरे विनय शंकर तिवारी के पास 67 करोड़ रुपये की सम्पत्ति है. दूसरे स्थान पर अम्बेडकरनगर की जलालपुर सीट से किस्मत आजमा रहे समाजवादी पार्टी के ही उम्मीदवार राकेश पाण्डेय के पास 63 करोड़ रुपये की सम्पत्ति है. तीसरे स्थान पर बहुजन समाज पार्टी के बलिया की रसरा सीट से उम्मीदवार उमा शंकर सिंह हैं, इनके पास 54 करोड़ रुपये की सम्पत्ति है.
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