Monday - 28 October 2024 - 12:33 AM

‘डॉक्टर हैं नहीं, नर्सों के भरोसे छोड़ा’

न्‍यूज डेस्‍क

बिहार में चमकी बुखार यानी एईएस से होने वाली मौतों का सिलसिला लगातार जारी है। पिछले 15 दिनों से अब तक 85 बच्चों की मौत हो चुकी है। सरकार और डॉक्टरों की टीम के लाख प्रयास के बावजूद लगभग हर दिन बच्चों की मौत हो जा रही है।

अभी भी कई अस्‍पताल में डॉक्‍टर और दवाओं की कमी है। मुजफ्फरपुर अस्पताल में भर्ती एक बच्चे के पिता ने कहा कि यहां स्थिति बदहाल है। डॉक्टर ध्यान नहीं दे रहे हैं। हर घंटे बच्चों की मौत हो रही है। आधी रात के बाद से डॉक्टर नहीं हैं, केवल नर्सों की ड्यूटी लगा दी गई है।

आईसीयू में बेड की कमी

बिहार सरकार में नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने मुजफ्फरपुर में दिमागी बुखार से हो रही मौतों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार शुरुआत से काम कर रही है। यहां दवाओं की भी कोई कमी नहीं है। हालांकि उन्होंने माना कि फिलहाल जो आपातकालीन स्थिति बन पड़ी है, उसके अनुसार आईसीयू और बेड की कमी है।

रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और केंद्रीय राज्यमंत्री अश्विनी चौबे पहुंचे। लेकिन उन्‍होंने बच्‍चों की जिंदगी बचाने के लिए क्‍या ठोस कदम उठाए है ये नहीं बताया। हां दुखद व्‍यक्‍त करते हुए लोगों से अपील की कि तेज धूप और गर्मी में घर से बाहर न निकलें। उन्होंने कहा कि तेज गर्मी दिमाग पर असर डालती है और हमें अलग-अलग तरह की बीमारियों की ओर धकेलती है। इसलिए जब तापमान कम हो जाए, तभी बाहर जाएं।

नीतीश के मुजफ्फरपुर न जाने पर उठ रहे सवाल

बता दें कि मौसम में तल्खी और हवा में नमी की अधिकता के कारण होने वाले वाले इस बुखार को लेकर राज्य के सीएम नीतीश कुमार भी चिंता जता चुके हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को इस पर नजर बनाए रखने को कहा था। हालांकि उनके अब तक मुजफ्फरपुर का दौरा न करने पर सवाल उठ रहे हैं। यह बीमारी हर साल इसी मौसम में मुजफ्फरपुर और इसके आसपास के इलाकों के बच्चों को अपनी चपेट में लेती है। एईएस से पीड़ित अधिकांश बच्चों में हाइपोग्लाइसीमिया यानी अचानक शुगर की कमी और कुछ बच्चों के शरीर में सोडियम (नमक) की मात्रा भी कम पाई जा रही है।

मृतक के परिजनों को मुआवजा

मुजफ्फरपुर में एईएस से हुई बच्चों की मौत पर संवेदना जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने इस भयंकर बीमारी से मृत हुए बच्चों के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से शीघ्र ही चार-चार लाख रुपये अनुग्रह अनुदान देने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन एवं चिकित्सकों को इस भयंकर बीमारी से निपटने के लिए हरसंभव कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

15 दिन में 85 बच्चों की मौत

मस्तिष्क बुखार (एईएस) से पिछले 15 दिनों में 80 बच्चों की मौत हो चुकी है। मुजफ्फरपुर में 67, समस्तीपुर में 5, वैशाली में 5, मोतिहारी मे 1 बच्चे की जान गई है। दो बच्चे किस जिले के हैं इसकी जानकारी प्रशासन से नहीं मिली। मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच और केजरीवाल अस्पताल में पिछले 15 दिनों में एईएस से ग्रसित 67 बच्चों की मौत हो चुकी है।

एसकेएमसीएच में भर्ती 6 बच्चों की हालत गंभीर है। यहां अभी 80 बच्चों का इलाज चल रहा है। केजरीवाल अस्पताल में भी 6 बच्चों की स्थिति नाजुक है। यहां 25 बच्चों का इलाज चल रहा है। दोनों अस्पतालों में अब तक 288 बच्चे भर्ती हुए हैं।

कहां-कहां है बीमारी का प्रकोप?

डॉक्टरों का कहना है कि इस बीमारी का प्रकोप उत्तरी बिहार के मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, मोतिहारी और वैशाली जिले में सबसे ज्यादा है। अस्पताल पहुंचने वाले पीड़ित बच्चे इन्हीं जिलों से हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रभावित जिलों के सभी डॉक्टर्स और जिला प्रशासन ने पीड़ितों को सभी आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कहा है। राज्य के स्वास्थ्य सचिव पूरे मामले पर नजर रख रहे हैं।

अक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (AES) होता क्या है

अक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी AES शरीर के मुख्य नर्वस सिस्टम यानी तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है और वह भी खासतौर पर बच्चों में। इस बीमारी के लक्षणों की बात करें तो…

  • शुरुआत तेज बुखार से होती है।
  • फिर शरीर में ऐंठन महसूस होती है।
  • इसके बाद शरीर के तंत्रिका संबंधी कार्यों में रुकावट आने लगती है।
  • मानसिक भटकाव महसूस होता है।
  • बच्चा बेहोश हो जाता है।
  • दौरे पड़ने लगते हैं।
  • घबराहट महसूस होती है।
  • कुछ केस में तो पीड़ित व्यक्ति कोमा में भी जा सकता है।
  • अगर समय पर इलाज न मिले तो पीड़ित की मौत हो जाती है।
  • आमतौर पर यह बीमारी जून से अक्टूबर के बीच देखने को मिलती है।

 

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com