Tuesday - 29 October 2024 - 2:36 AM

जानलेवा चमकी बुखार से ऐसे करें अपने बच्चों का बचाव

न्‍यूज डेस्‍क

मुजफ्फरपुर में डेढ़ सौ से ज्यादा बच्चों की जान लेने वाले चमकी बुखार के फैलने की असली वजह का अभी तक पता नहीं चल सका है। राज्य सरकार के हाथ पैर फूल चुके हैं और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के पास अभी तक इस बीमारी के महामारी का रूप लेने के संबंध में कोई ठोस रिपोर्ट नहीं है। न ही सरकार इस बात का पता लगा पाई है कि ये बीमारी कैसे फैल रही है।

हालांकि, विशेषज्ञों की माने तो चमकी बुखार का प्रमुख कारण कुपोषित बच्चों के द्वारा लीची का सेवन करना है। ऐसे बच्चे लीची का ज्यादा सेवन करते हैं, इसमें अधपकी लीची का सेवन भी शामिल है। ये बच्चे घर आने के बाद अक्सर बिना खाना खाए ही सो जाते हैं।

ऐसे होगा इलाज

जैसे ही चमकी बुखार के लक्षण दिखाई पड़ें वैसे ही बच्चे को मीठी चीजें खाने को देनी चाहिए। अगर संभव हो तो ग्लूकोज पाउडर या चीनी को पानी में घोलकर दें। जिससे कि रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ सके और मस्तिष्क को प्रभावित होने से बचाया जा सके। इसके बाद तुरंत अस्पताल ले जाएं।

ऐसे करें बचाव

  • बच्चों को रात में अच्छी तरह से खाना खिलाकर सुलाएं। खाना पौष्टिक होना चाहिए।
  • बच्चों को खाली पेट लीची न खाने दें। अधपकी लीची का सेवन कदापि न करने दें।
  • बच्चों को जूठे व सड़े हुए फल न खाने दें
  • बच्चों को उन जगहों पर न जाने दें, जहां सूअर रहते हैं
  • खाने से पहले और बाद में साबुन से हाथ जरूर धुलवाएं
  • पीने का पानी स्वच्छ रखें
  • बच्चों के नाखून न बढ़ने दें
  • गंदगीभरे इलाकों में न जाएं
  • रात के खाने के बाद हल्का- फुल्का मीठा खिलाएं
  • बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर में तरल पदार्थ देते रहें ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो।

दरअसल लीची में प्राकृतिक रूप से हाइपोग्लाइसिन ए एवं मिथाइल साइक्लोप्रोपाइल ग्लाइसिन टॉक्सिन पाया जाता है। अधपकी लीची में ये टॉक्सिन अपेक्षाकृत काफी अधिक मात्रा में मौजूद रहते हैं। ये टॉक्सिन शरीर में बीटा ऑक्सीडेशन को रोक देते हैं और हाइपोग्लाइसीमिया (रक्त में ग्लूकोज का कम हो जाना) हो जाता है एवं रक्त में फैटी एसिड्स की मात्रा भी बढ़ जाती है।

चूंकि बच्चों के लिवर में ग्लूकोज स्टोरेज कम होता है, जिसकी वजह से पर्याप्त मात्रा में ग्लूकोज रक्त के द्वारा मस्तिष्क में नहीं पहुंच पाता और मस्तिष्क गंभीर रूप से प्रभावित हो जाता है। इस तरह की बीमारी का पता सबसे पहले वेस्टइंडीज में लीची की तरह ही ‘एकी’ फल का सेवन करने से पता चला था।

क्या है चमकी बुखार के लक्षण

  • मिर्गी जैसे झटके आना (जिसकी वजह से ही इसका नाम चमकी बुखार पड़ा)
  • बेहोशी आना
  • सिर में लगातार हल्का या तेज दर्द
  • अचानक बुखार आना
  • पूरे शरीर में दर्द होना
  • जी मिचलाना और उल्टी होना
  • बहुत ज्यादा थका हुआ महसूस होना और नींद आना
  • दिमाग का ठीक से काम न करना और उल्टी-सीधी बातें करना
  • पीठ में तेज दर्द और कमजोरी
  • चलने में परेशानी होना या लकवा जैसे लक्षणों का प्रकट होना।

 

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