Tuesday - 29 October 2024 - 4:34 AM

भत्ते खत्म करने के विरोध में उतरे कर्मचारी संगठन, आज करेंगे वीडियो कांफ्रेंसिंग

न्यूज़ डेस्क

कोरोना महामारी से निपटने के लिए राज्य सरकार ने कर्मचारियों के कई भत्ते खत्म कर दिए हैं। इसको लेकर कई विभागों के कर्मचारियों में रोष है। जिसकी कवायद में कई कर्मचारी संगठन मैदान में उतरने की तैयारी में लग गये हैं। दरअसल आर्थिक संसाधन और सरकारी खर्च पर लगाम लगाने के संबंध में कई राज्य सरकारों ने कर्मचारियों के मिलने वाले महंगाई भत्तों में एक साल के लिए रोक लगा दी थी।

इसी क्रम में जब सूबे के वित्त विभाग ने बीते 12 मई को एक शासनादेश जारी किया था जिसके बाद से कर्मचारियों में खलबली मच गई। इस शासनादेश के अनुसार सरकारी कर्मचारियों के कुल छह भत्तों को खत्म कर दिया गया। इस विरोध में अब कई कर्मचारी संगठन मैदान में उतरने की तयारी कर रहे हैं।

इसी पृष्ठभूमि में 17 मई को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद द्वारा सूबे में सक्रिय विभिन्न कर्मचारी संगठनो के नेताओं के साथ मिलकर विचार विमर्श करने के लिए संगठनिक वीडियो कांफ्रेंसिंग आहूत की गयी है। इसके बाद आगे की रणनीति तय की जाने की संभावना है।

ये भी पढ़े :  पैदल घर जा रहे मजदूरों की चोर-डकैतों से की तुलना क्‍यों

ये भी पढ़े :  सहारनपुर: मजदूरों का फूटा गुस्सा, हाई-वे किया जाम

ये भी पढ़े : ‘ऐसा करो बाबू ग़रीब की ज़िंदगी पर ही रासुका लगा दो!’

सरकार द्वारा भत्ते खत्म करने के पीछे ये तर्क दिया जा रहा था कि ये भत्ते केन्द्र सरकार में भी अनुमन्य नहीं हैं और वर्तमान में प्रासंगिक नहीं रह गये हैं। विशेष तौर पर सचिवालय भत्ता और अभियंत्रण विभागों में दिये जाने वाले भत्तों पर बवाल है। इनमें ऐसा भत्ता भी है जिसे अकार्यकारी भत्ता माना जाता था।

चर्चा इस बात की भी है कि अवर अभियंताओं के भत्तों पर वित्त विभाग की नजर तबसे थी, जबसे इनको तकनीकी संवर्ग मानते हुए ए०सी०पी० और वेतन निर्धारण में मिलने वाले लाभों की मांग अन्य संवर्ग द्वारा भी की जाने लगी थी।

ये भी पढ़े : अब लाहौल स्पीति में चीनी हेलीकॉप्टरों ने की घुसपैठ

वहीं कर्मचारियों का कहना है कि केन्द्र सरकार के समतुल्य कई भत्ते अभी तक नहीं दिये गये हैं। बहरहाल सूबे के कार्मिकों में सुगबुगाहट तेज हो रही है जबकि कोविड-19 से निपटने में लगी सरकार को अभी कर्मचारियों के सहयोग की जरूरत पहले से कहीं ज्यादा है।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com