Saturday - 19 April 2025 - 4:52 AM

यूपी के 15 जनपदों में रीजनल ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना पर जोर

  • केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय (मोर्थ) ने आरडीटीसी स्थापना के दिए हैं निर्देश
  • वाराणसी, अयोध्या, मुरादाबाद, सीतापुर, गोंडा, मेरठ आदि जनपदों में शुरू हुई कार्रवाई
  • आरडीटीसी की स्थापना से व्यावसायिक चालकों की ट्रेनिंग पर रहेगा विशेष जोर
  • सड़क सुरक्षा के साथ ही युवाओं के लिए रोजगार का मार्ग प्रशस्त करेगा सेंटर
  • भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए परिवहन आयुक्त की तरफ से उक्त जनपदों के जिलाधिकारी को लिखा गया पत्र

लखनऊ. योगी सरकार के निर्देशन में परिवहन विभाग द्वारा रीजनल ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर (आरडीटीसी) की स्थापना की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है।

आरडीटीसी की स्थापना उन्हीं जनपदों में होगी, जहां इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च (आईडीटीआर) प्रस्तावित नहीं है।

प्रदेश में सड़क सुरक्षा को संस्थागत रूप देने और व्यावसायिक चालकों को आधुनिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए आरडीटीसी की स्थापना कराई जाएगी। इसके लिए परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने 15 जनपदों के जिलाधिकारी को भूमि उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखा है।

इन 15 जनपदों के जिलाधिकारी को लिखा गया पत्र

वाराणसी, अयोध्या, मुरादाबाद, गोंडा, मेरठ, अलीगढ़, मथुरा, आजमगढ़, बांदा, मीरजापुर, इटावा, सहारनपुर, सीतापुर, जौनपुर व बिजनौर में आरडीटीसी की स्थापना प्रस्तावित है।

यह प्रस्ताव भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (मोर्थ-MoRTH) द्वारा वित्तपोषित योजना के अंतर्गत आता है। मोर्थ ने उक्त 15 जनपदों में आरडीटीसी की स्थापना के लिए प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

आरडीटीसी की स्थापना से बढ़ेगी प्रशिक्षित चालकों की संख्या

उत्तर प्रदेश में वर्तमान में 30,37,166 व्यावसायिक वाहन हैं, जबकि व्यावसायिक वाहन चालकों की संख्या 27,48,523 है यानी 20 प्रतिशत व्यावसायिक वाहन चालकों की कमी को पूरा करने, इन्हें प्रशिक्षित करने, सड़क सुरक्षा सुधारने व रोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से आरडीटीसी की स्थापना की जाएगी। आरडीटीसी की स्थापना उन्हीं जनपदों में होगी, जहां इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च (आईडीटीआर) प्रस्तावित नहीं है।

क्या है आरडीटीसी

रीजनल ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर (आरडीटीसी) भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित सार्वजनिक सेवा योजना परियोजना है, जिसका उद्देश्य सड़क सुरक्षा में सुधार, कुशल व प्रशिक्षित वाहन चालकों को तैयार करना तथा सड़क दुर्घटनाओं को न्यूनतम स्तर तक लाना है। यह योजना न केवल सड़क सुरक्षा को सुदृढ़ करेगी, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगी। यह योजना परिवहन आयुक्त उत्तर प्रदेश के माध्यम से निष्पादित की जाएगी।

ब्रजेश नारायण सिंह, परिवहन आयुक्त, उत्तर प्रदेश

सड़क सुरक्षा को न्यूनतम करने और व्यावसायिक चालकों को प्रशिक्षत करने के उद्देश्य से आरडीटीसी की स्थापना की जाएगी। आरडीटीसी की स्थापना उन्हीं जनपदों में होगी, जहां इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च (आईडीटीआर) प्रस्तावित नहीं है। 9 जनपदों में आईडीटीआर के लिए पहले ही पत्र लिखा गया था, अभी 15 जनपदों में आरडीटीसी की स्थापना के लिए जिलाधिकारी को पत्र भेजा है। इसकी स्थापना से स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी मुहैया होंगे।

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