स्पेशल डेस्क
लखनऊ। चुनाव अब अंतिम दौर में पहुंच गया है। करीब एक महीने से लगातार राजनीति दल लोकतंत्र के सबसे बड़े महापर्व में अपना दबदबा कायम करने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं।
इस चुनाव में सोशल मीडिया का रोल भी काफी अहम माना जा रहा है। बीजेपी से लेकर कांग्रेस अपना वोट बैंक मजबूत करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा भी खूब लेते नजर आये हैं जबकि सपा-बसपा भी सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा एक्टिव नजर आ रहा है।
दूसरी ओर सपा से किनारा कर चुके शिवपाल यादव के समर्थक भी सोशल मीडिया पर अपनी पार्टी का प्रचार-प्रसार करने में पीछे नहीं रहे हैं। सोशल मीडिया पर दिखाने वाली हर खबर सच नहीं होती है। ये जानना बेहद जरूरी है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के छह अध्ययनकर्ताओं द्वारा फेसबुक पर 130 पेज और वॉट्सएप पर 116 पब्लिक ग्रुप के विश्लेषण करने के बाद एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। जिसे देखकर आपको भी विश्वास नहीं होगा।
जानकारी के मुताबिक बीजेपी के नेताओं पार्टी से जुड़े आधिकारिक फेसबुक पेजों पर 28 प्रतिशत यानी हर चौथी खबर फेक होती है जबकि इसी तरह से इस मामले में कांग्रेस थोड़ी पीछे है और उसकी 21 प्रतिशत खबरे फेक है।
सपा-बसपा के साथ इसका उलट है उनकी खबरों में एक प्रतिशत ही फेक हैं, यानी सौ में से एक। पूरे चुनाव पर खास नजर रखकर इस तरह की रिपोर्ट तैयार की गई है। इन सभी पेज व ग्रुप पर 14 फवरी से 10 अप्रैल के बीच सोशल मीडिया पर शेयर करने को लेकर गहन अध्यन किया गया तब जाकर ये बात सामने आई है। इसके तहत तीन प्रोग्राम कोडिंग करने वालों ने फर्जी खबरों के लिंक का विश्लेषण करने में मदद की।
किस आधार पर कहा जा रहा है
इस रिपोर्ट पर गौर किया जाये तो इसमें 130 फेसबुक पेज में से भाजपा के 58, सपा-बसपा के 49 पेज थे जबकि कांग्रेस के 23 जिनपर 27,771 पोस्ट की गईं। इनमें 16604 फोटो और 1388 में विभिन्न लिंक पोस्ट किए गए थे। जानकारी के मुताबिक तीन हजार फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई, ये आंकडे चुनाव की घोषणा के समय के बताये जा रहे हैं।