जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी दिल्ली में मेयर क चुनाव कराए जाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी. AAP नेत्री आतिशी मार्लेना ने कहा मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों का चुनाव सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो, इसको लेकर हम आज ही शीर्ष अदालत में जाएंगे.
दिल्ली नगर निगम के मेयर और स्थायी समिति के सदस्यों का चुनाव AAP और बीजेपी पार्षदों के हंगामे के बीच सोमवार को तीसरी बार टल गया. फिलहाल, अगली तारीख तक के लिए एमसीडी हाउस को स्थगित कर दिया गया है. उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा नामांकित 10 पार्षदों को वोट देने की अनुमति दिए जाने आम आदमी पार्टी ने विरोध जताया. वहीं भाजपा ने नॉमिनेटेड सदस्यों से वोटिंग कराने का समर्थन किया.
दोनों पक्षों के पार्षदों के जोरदार हंगामे के बीच नगर निगम की बैठक को अगली सूचना तक के लिए स्थगित कर दिया गया. दिल्ली नगर निगम अधिनियम कहता है कि मनोनीत सदस्य या एल्डरमैन सदन की बैठकों में मतदान नहीं कर सकते हैं. आम आमदी पार्टी का कहना है कि वह 10 दिनों के भीतर अदालत की निगरानी में मेयर चुनाव के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी. .
10 एल्डरमेन को मनोनीत करने पर भी आपत्ति जताई
दिल्ली में तीनों नगर निगमों के विलय और पिछले साल निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण के बाद हुए पहले नगरपालिका चुनाव में AAP ने 250 वार्डों में से 134 पर जीत हासिल की. भाजपा 104 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही. चुनाव परिणाम 7 दिसंबर, 2022 को घोषित हुए थे. करीब दो महीने बाद भी अब तक दिल्ली एमसीडी के मेयर, डिप्टी मेयर या स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों का चुनाव नहीं हो सका है.
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आम आदमी पार्टी ने इसके पहले उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा राज्य सरकार से परामर्श किए बिना 10 एल्डरमेन को मनोनीत करने पर भी आपत्ति जताई थी. उसने उपराज्यपाल द्वारा पीठासीन अधिकारी के रूप में सत्या शर्मा की नियुक्ति का भी विरोध किया था. आम आदमी पार्टी ने इस पद के लिए अपने वरिष्ठ पार्षद मुकेश गोयल के नाम की सिफारिश की थी.
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