न्यूज डेस्क
राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह की मुसीबत बढ़ सकती हैं। लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर दिए गए उनके बयान को चुनाव आयोग ने आचार संहिता का उल्लंघन माना है, आयोग ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखकर शिकायत है।
खबरों की माने तो राष्ट्रपति कोविंद को भेजे गए पत्र में राज्यपाल कल्याण सिंह के बयान और आचार संहिता के पालन पर उसके असर का विस्तार से ब्यौरा दिया गया है। राज्यपाल के पद की गरिमा के मुताबिक चुनाव आयोग ने इस मामले में राष्ट्रपति से ही समुचित संज्ञान लेने की अपील की गई है।
दरअसल, भारतीय संविधान के तहत संवैधानिक पद पर बैठा कोई भी व्यक्ति किसी भी एक राजनीतिक दल का समर्थन नहीं कर सकता है, उसे हमेशा निष्पक्ष रहना होता है।
क्या कहा बयान में
गौरतबल है कि कुछ दिन पहले राजस्थान के राज्यपाल उत्तर प्रदेश के दौर पर थे। अलीगढ़ के कार्यक्रम में शामिल होने के दौरान राज्यपाल कल्याण सिंह ने कहा,
‘हम सभी बीजेपी के कार्यकर्ता हैं, हम चाहते हैं कि बीजेपी बड़ी जीत हासिल करें। देश के लिए जरूरी है कि नरेंद्र मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बनें।’
जानकारों की माने तो अगर राष्ट्रपति के सामने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन साबित हो जाता है तो राज्यपाल कल्याण सिंह को अपना पद भी छोड़ना पड़ सकता है। बता दें कि कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया एटा से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।
बताते चले कि कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के कद्दावर नेता हैं। कल्याण सिंह 21 सितंबर 1997 से 12 नवंबर 1999 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वर्तमान में कल्याण सिंह बतौर राज्यपाल एक संवैधानिक पद पर तैनात हैं।
कल्याण सिंह ने बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए 6 दिसंबर 1992 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। वह 1993 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अतरौली और कासगंज से विधायक निर्वाचित हुए।
1999 में कल्याण सिंह ने सपा गठबंधन से नाता तोड़ लिया और जनवरी 2004 में बीजेपी से जुड़े। 2004 के आम चुनावों में उन्होंने बुलंदशहर से बीजेपी के उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा। 2009 में उन्होंने एक बार फिर से बीजेपी छोड़ दी और एटा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय सांसद चुने गए।