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मंदिर के बहाने चुनावी अभियान, एक तीर से दो शिकार करेगी वीएचपी

जुबिली न्यूज डेस्क

विश्व हिंदू परिषद राम मंदिर निर्माण के लिए पूरे देश में एक बड़ा अभियान चलाने जा रही है। राम मंदिर के निर्माण में धन के कारण रूकावट न आये इसके लिए विश्व हिंदू परिषद ने देश के सवा पांच लाख गांवों के 11 करोड़ घरों में पहुंचने का कार्यक्रम तैयार किया है।

यह अभियान 15 जनवरी यानि मकर संक्रांति के दिन से शुरु होगा और यह 27 फरवरी यानि माघ-पूर्णिमा तक जारी रहेगी। इस अभियान के जरिए वीएचपी कार्यकर्ता घर-घर पहुंचकर राम मंदिर से जुड़े इतिहास को भी याद दिलायेंगे।

इस अभियान का पांच राज्यों के चुनाव पर पड़ेगा असर

वैसे तो कहा जा रहा है कि राम मंदिर निर्माण में सभी का सहयोग हो , सबकी भागीदारी हो इसीलिए यह अभियान तय किया गया है। लेकिन जानकारों की माने तो इस अभियान का असर पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी के विधानसभा चुनाव पर भी पड़ेगा।

दरअसल वीएचपी राममंदिर निधि समर्पण अभियान के जरिए जब देश के करोड़ों लोगों तक पहुंचेगी तभी इन पांच राज्यों के चुनाव की तारीखों का ऐलान होने वाला होगा। जिस तरह वीएचपी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का संगठन है उसी तरह भाजपा भी संघ से जुड़ी है।

अगले साल पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है और भाजपा तैयारी में जुट गई है। पश्चिम बंगाल में तो बीजेपी के लिए इस बार का विधानसभा चुनाव करो या मरो वाली स्थिति है।

भाजपा नेता भी मान रहे हैं कि लोकसभा चुनाव में 18 सीटें जीतने के बाद यह चुनाव बीजेपी के लिए सबसे माकूल माहौल में होगा। बंगाल में भाजपा का सीधा मुकाबला तृणमूल कांग्रेस से है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि वीएचपी का यह अभियान भाजपा के लिए माकूल माहौल तैयार करेगा और उसके हिंदुत्व के मुद्दे को धार देने का काम करेगा।

पिछले कुछ सालों से भाजपा की रडार पर दक्षिण के राज्य है। इन राज्यों में अपनी राह आसान करने के लिए भाजपा लगातार कोशिश कर रही है पर अब तक उसे सफलता नहीं मिली है।

फिलहाल अगले साल केरल में विधानसभा चुनाव है। राज्य में सीपीएम के नेतृत्व वाली एलडीएफ की सरकार है और भाजपा केरल में अपने सशक्त मौजूदगी दिखाने के लिए लड़ाई लड़ रही है।

वहीं तमिलनाडु में एआईएडीएमके की सरकार है और एआईएडीएमके और भाजपा ने ऐलान किया है कि विधानसभा चुनाव में भी उनका गठबंधन जारी रहेगा। भाजपा की कोशिश दक्षिण के राज्यों में अपनी जड़ें जमाने की है, ताकि लोकसभा चुनाव में उन राज्यों से भाजपा के पक्ष में ज्यादा नंबर आ सकें जहां से अभी तक बीजेपी को कम सीटें मिलती रही हैं।

इन राज्यों के अलावा पुडुचेरी और असम में भी चुनाव होना है। पुडुचेरी में जहां कांग्रेस की सरकार है तो वहीं असम में बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार है। बीजेपी असम को अपने हाथ से न जाने देने के लिए मैदान में उतरेगी तो पुडुचेरी में सत्ता में आने के लिए कांग्रेस से मोर्चा लेगी।

जानकार मानते हैं कि चुनाव से ठीक पहले वीएचपी का महा जनसंपर्क अभियानबीजेपी की राह आसान कर सकता है। वरिष्ठï पत्रकार सुरेन्द्र दूबे कहते हैं भाजपा का अब तक का सबसे बड़ा मुद्दा राम मंदिर रहा है। इसी के सहारे वह केंद्र की सत्ता तक पहुंची है। कई राज्यों में भी उसका यह मुद्दा सफल रहा है। चूंकि राम मंदिर चर्चा में है इसलिए वह आगामी राज्यों में भुनाने की कोशिश करेगी। निश्चित ही उसके इस अभियान भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने का काम करेगी।

वीएचपी इसे दुनिया के इतिहास का सबसे बड़ा जनसंपर्क अभियान कह रही है। इस जनसंपर्क अभियान में वीएचपी कार्यकर्ता राममंदिर निर्माण के लिए लोगों से दान लेंगे।

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इस मामले में वीएचपी का कहना है कि देश के युवाओं को खासकर 35 साल के कम की उम्र के लोगों को रामजन्म भूमि के इतिहास के बारे में कम मालूम है। उन्होंने नहीं देखा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर के लिए कितना संघर्ष किया गया है। किस तरह लंबे संघर्ष के बाद राम मंदिर का सपना पूरा हो रहा है।

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वीएचपी का कहना है कि इस अभियान के जरिए घर-घर पहुंचकर इस इतिहास को भी याद दिलाया जाएगा। सवा पांच लाख गांवों तक पहुंचने के लिए वीएचपी के करीब 4 लाख कार्यकर्ता जुटेंगे। कार्यकर्ता जब घर-घर जाएंगे तो उनके पास राम मंदिर के इतिहास से जुड़ी जानकारी और मंदिर के कुछ फोटो भी होंगे। इतिहास हिंदी, इंग्लिश के अलावा स्थानीय भाषाओं में भी होगा। कार्यकर्ता 10, 100 और 1000 रुपये के लेकर जाएंगे, जो जितना योगदान करना चाहेगा उसी हिसाब से करेगा।

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