न्यूज डेस्क
महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच अभी मुख्यमंत्री पद पर खींचतान जारी है। दोनों तरफ से बयानवीरों एक दूसरे पर बयानतीर छोड़ने शुरू कर दिए है। देवेंद्र फडणवीस को बीजेपी विधायक दल का नेता चुन लिया गया।
दूसरी ओर शिवसेना ने विधायक दल की बैठक में पार्टी नेता एकनाथ शिंदे को विधायक दल का नेता चुन कर चौंका दिया। इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि आदित्य ठाकरे को ये पद मिल सकता है।
बता दें कि विधायक दल के नेता के लिए आदित्य ठाकरे ने ही एकनाथ शिंदे के नाम का प्रस्ताव रखा था। पार्टी ने इसके अलावा सुनील प्रभु को विधानसभा में चीफ व्हिप चुना है।
@shivsena elects Eknath Shinde as leader of the legislative party in the #Maharashtra assembly
This will kick-start formal portfolio-sharing talks between BJP and Shiv Sena pic.twitter.com/yTsyEzI6wF
— Poulomi Saha (@PoulomiMSaha) October 31, 2019
विधायक दल की बैठक के बाद शिवसेना के MLA राज्यपाल से मुलाकात करने के लिए जाएंगे. पार्टी की ओर से कहा गया है कि वे सूखे के मुद्दे पर राज्यपाल से मुलाकात करेंगे। राज्यपाल से मिलने वाले नेताओं में आदित्य ठाकरे, एकनाथ शिंदे, दिवाकर राउते, सुभाष देसाई और अन्य नए विधायक शामिल हैं।
बता दें कि एकनाथ शिंदे इस विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीन बार 2004, 2009 और 2014 में शिवसेना के टिकट पर विधायक चुने गए हैं। विधायक चुने जाने से पहले एकनाथ शिंदे ठाणे महानगर पालिका में दो बार के कार्यकाल तक नगर सेवक रहे। इसके अलावा तीन साल तक पॉवरफुल स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य रहे। इनका जन्म 9 फरवरी 1964 को महाराष्ट्र में हुआ। ऐसे एक बार फिर शिवसेना ने इनको कोपरी-पंचपखाड़ी सीट से उम्मीदवार घोषित किया है।
- 2004: महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुने गए
- 2009:महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुने गए
- 2014:महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुने गए
- अक्टूबर 2014-दिसंबर 2014: महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता
- 2014: महाराष्ट्र राज्य सरकार में PWD के कैबिनेट मंत्री के रूप में नियुक्त
- 2018: शिवसेना के नेता के रूप में नियुक्त
- 2019: कैबिनेट मंत्री सार्वजनिक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री (महाराष्ट्र सरकार)
गौरतलब है कि बैठक के बीच शिवसेना की ओर से मुख्यमंत्री पद पर सख्ती बरकरार है। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि हम अपनी मांग से पीछे नहीं हटे हैं, बल्कि हमारे दोस्त (बीजेपी) अपने वादे से मुकर गई है।