न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। ईद के खास मौके पर गले न मिले तो मानो सुकून और खुशी का एहसास अधूरा रह जाता है लेकिन इस बार की ईद में ये नजारे नहीं दिखेंगे। कोरोना महामारी के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लोग इस बार एक दूसरे से गले नहीं मिलेंगे और न ही हाथ मिलाकर ईद की मुबारकबाद देंगे।
लोग सोशल मीडिया सहित दूरसंचार के साधनों का इस्तेमाल करेंगे। एक दूसरे के घर जाकर सिवईं व पकवान का लुत्फ उठाने से भी लोग परहेज करेंगे। जुबिली पोस्ट ने कुछ ऐसे ही लोगों से जाना कि इस बार वो में क्या करने वाले है।
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मो. इस्लाम का कहना है ईद की खुशी जरूर मनाएंगे लेकिन बेहद सादगी के साथ। घरों में ईद की नमाज की जगह चार रकात नमाज चाश्त की पढ़ेंगे। फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मुबारकबाद पेश करेंगे। दूसरों के घरों पर जाने से परहेज करेंगे।
व्यवसायी इकबाल हसन ने कहा कि इस ईद पर हम सब सब्र का इजहार कर कोरोना से निजात की दुआ मांगेंगे। इस बार हमारा एक ही लक्ष्य है अल्लाह का शुक्र अदा करते हुए जरूरतमंदों की मदद करना। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ईद घर पर ही मनाएंगे।
ग्रहणी निशात नगरामी का कहना है कि ईद को लेकर उत्साह तो जरूर है लेकिन लॉकडाउन का पालन करते हुए खुद, परिवार वालों व समाज के लोगों के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखना है। ईद सादगी से मनानी है। यह कपड़ों का नहीं अपनों का त्यौहार है।
गोमतीनगर के आसिफ के अनुसार इस बार ईद सादगी वाली होगी लेकिन उत्साह में कोई कमी नहीं होगी। कोरोना का प्रकोप जल्द खत्म हो बस यही दुआ है। जरूरतमंदों का ख्याल रखें। गले मिलें न मिलें दिल से दिल जरूर मिलना चाहिए। मुबारकबाद देने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेंगे।
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