न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। लॉकडाउन अभी खत्म नहीं हुआ है, लेकिन आर्थिक गतिविधियों को मिली छूट के चलते दो महीने बाद लॉकडाउन-4.0 में उत्तर प्रदेश की रौनक जरूर लौटी है। तमाम महानगरों के चौराहों पर जहां सन्नाटा पसरा था, वहां रौनक तो पहले जैसी अभी नहीं है, कई दुकानें भी पूरी तरह नहीं खुल रही। लेकिन लोगों में इसकी खुशी नजर आ रही है वो बात अलग है कि लोग अभी दुकानों में जाने से कतरा रहे है।
जुबिली पोस्ट ने कई कारोबारियों से जाना कि लॉकडाउन में मिली छूट के बाद कारोबार की स्तिथि कैसी है और अब कैसी चुनौतियां सामने आ रही है।
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हालांकि ईद की वजह से कई बड़े बाजारों को प्रशासन ने खोलने की अनुमति नहीं दी है, जिसकी वजह से अभी भी बिजनेस ‘लॉकडाउन’ ही है।
अगर प्रशासन की मंशा साफ़ होती तो पुलिस और सिविल डिफेंस की सहायता से बाजार भी खुलते और सोशल डिस्टेंसिंग के जरिये लोगों को उनके जरुरत का सामान भी आसानी से मिलता और त्यौहार में खुशहाली की खुशबू महकती।।। लेकिन ये सब महज कल्पना भरा रह गया।
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कपड़ा कारोबारी योगेश नारंग ने बेहद खुश होकर दुकानों के शटर उठाए और सबसे पहले ऊपर वाले का शुक्रिया अदा किया और अपने-अपने ईष्ट की पूजा अर्चना की।
उन्होंने उम्मीद जताई कि लॉकडाउन में अर्थव्यवस्था का जो बजट गड़बड़ा गया है वो देर से ही सही लेकन पटरी पर आ जाएगा। लेकिन कुछ ही देर में फरमान आ गया अब बाजार ईद के बाद खुलेगा, इससे वो दोबारा निराश हो गए। उनके अनुसार यदि ईद में बाजार खुलता तो लॉकडाउन और साहलग में हुए 500 करोड़ से ज्यादा के नुकसान की कुछ भरपाई हो जाती।
लखनऊ के नाका में इलेक्ट्रॉनिक मार्केट में खुशी देखी गई। ज्यादातर लोग एसी, कूलर से रिलेटेड इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदने पहुंचे थे। इसके अलावा मोबाइल और लैपटॉप के शोरूम्स में भी कस्टमर्स की भीड़ देखकर दुकानदारों के चेहरों पर मुस्कान लौटी है।
कानपुर में प्रदेश की बड़ी थोक बाजारों में शामिल नयागंज, कलक्टरगंज की किराना बाजार में भी रौकन आयी है, लेकिन कारोबार उस सप्पड़ से नहीं बढ़ रहा है जैसे पहले हुआ करता था। कारोबारी चंद्र भूषण का कहना था कि इस तरह राहत मिले, तो फिर से काम पटरी पर लौट सकता है लेकिन कोरोना के प्रति सभी को जागरूक रहना होगा। कारोबार में भले ही लॉकडाउन रहे लेकिन लोग सुरक्षित रहे।
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अम्बेडकरनगर के कारोबारी सुधीर श्रीवास्तव ने बताया कि कई बाजारें ऐसी भी रहीं, जो ग्राहकों का दिनभर इंतजार करती रहीं। फर्नीचर, बिल्डिंग मैटेरियल से लेकर बर्तन, गिफ्ट, साइकिल, मिल मशीनरी से जुड़ी मार्केट में ग्राहकों का टोटा रहा।
दुकानें खुलीं तो लोग लॉकडाउन और कोरोना को लेकर ही चर्चा करते रहे। हालांकि मार्केट खुलने की परमीशन मिलने से ही दुकानदार खुश है, कारोबार भी शुरू हो जायेगा। उनका कहना था कि धीरे-धीरे कस्टमर्स भी आएंगे।
सैलून कारोबारी मो. रियाज के मुताबिक आजमगढ़ में लॉकडाउन में ढील के बाद चोरी-छिपे सैलून भी खोले गए। सैलून के शटर आधे- आधे खोलकर अंदर लोगों को बाल काटने और मेकअप का काम चला रहे। लोग बढ़ती गर्मी और बढ़ते बाल से परेशान है और हम पैसे से तो हमारी मजबूरी है क्या करे…
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रौनक बाजारों से गायब, 95% तक कारोबार ठप
लखनऊ कपड़ा व्यापार मंडल के अध्यक्ष अशोक मोतियानी की माने तो इस बार बाजार से ईद की रौनक गायब है। कारोबार 95% तक ठप पड़ा है और केवल ग्रामीण दुकानों पर महज़ 5 फ़ीसदी लोग ही ख़रीददारी के लिए पहुंच पाये हैं। केवल लखनऊ की बात करे तो रोज 8 करोड़ का नुकसान हुआ है। केवल अमीनाबाद में करीब 6000 व्यापरी की 4800 कपड़े की दुकाने है, जो बंद रही।
ईद में 500 करोड़ का नुकसान
लखनऊ व्यापार मंडल के अमरनाथ मिश्र के मुताबिक 100 के कपड़े, जेवर खान-पान आदि का नुकसान हुआ है। इसके अलावा 2 महीने से बाजार बंद थे जिसमे सहालग और ईद को मिलाकर करीब 500 करोड़ का नुकसान व्यापरियों ने झेला है।
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