जुबिली न्यूज़ डेस्क
दिल्ली विधानसभा चुनाव के मतदान की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैस राजधानी का चुनाव पारा बढ़ता जा रहा है। भले ही चुनाव से पहले शाहीन बाग, विकास, बिजली-पानी जैसे मुद्दे चर्चा में हो लेकिन दिल्ली की सियासी पिच पर राजनीतिक दल वोट के लिए ‘फ्री हिट’ या यूं कहें जनता को लुभाने के लिए मुफ्त वाली राजनीति पर ज्यादा जोर डाल रहे हैं।
बात चाहे आम आदमी पार्टी (आप) की हो या फिर बीजेपी और कांग्रेस की। सभी दल ‘मुफ्ती वाली राजनीति’ को भुनाने के लिए हर रोज नए-नए वादे कर रहे हैं। आप ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को घोषणा पत्र जारी कर दिया। आप ने अपने घोषणा पत्र में लोकपाल, राष्ट्रवाद समेत कई मुद्दों को शामिल किया है। साथ ही एकबार फिर से इस घोषणापत्र में ‘मुफ्त’ की कई योजनाओं को शामिल किया गया है।मुफ्त बिजली, पानी, महिलाओं को फ्रि मेट्रा और बस यात्रा जैसे एलान के साथ केजरीवाल दिल्ली की जनता का दिल जीतना चाहते हैं।
बता दें कि भाजपा और कांग्रेस पहले ही अपने घोषणा पत्र जारी कर चुकी है। भाजपा ने जहां स्कूटी और दो रूपये किलो आटा देने की बात कही है। वहीं कांग्रेस ने 300 यूनिट मुफ्त बिजली के साथ कई बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया है।
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आम आदमी पार्टी के इस घोषणा पत्र में अरविंद केजरीवाल की दस गारंटी भी शामिल हैं। केजरीवाल की दस गारंटी भी इस मेनिफेस्टो का हिस्सा हैं, 10 मुद्दों पर गारंटी के तहत केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की जनता से वादा किया है कि, फ्री बिजली योजना के तहत 24 घंटे लगातार बिजली दी जाएगी। दिल्ली के निवासियों को 200 यूनिट फ्री मुफ्त बिजली दी जाएगी। साथ ही महिलाओं के साथ-साथ छात्रों को भी बस में मुफ्त यात्रा की सुविधा दी जाएगी। वहीं हर परिवार को 20 हजार लीटर मुफ्त पानी उपलब्ध कराने का वादा आप ने किया है।
ऐसे में अब यह देखना भी दिलचस्प होगा कि, ये फ्री वाला ऑफर मतदाताओं को कितना प्रभावित करता है। गौरतलब है कि नागरिकता कानून को लेकर शाहीनबाग में चल रहे प्रदर्शन का भी इस चुनाव में बड़ा प्रभाव दिख रहा है।
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राष्ट्रवाद और पाकिस्तान का जिक्र भी चुनाव जीतने के लिए किया जा रहा है। इन मुद्दों ने दिल्ली के चुनाव को काफी प्रभावित किया है और हाल ही में हुए सर्वे में सामने आया है कि आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच मुकाबला नजदीकी होने वाला है।
वरिष्ठ पत्रकार गिरीश तिवारी का कहना है कि, सीएए और शाहीनबाग का दिल्ली के चुनाव में असर तो दिखेगा ही लेकिन आम आदमी को ‘फ्री’ शब्द भी बहुत प्रभावित करता है और इस चुनाव में जिस तरह सभी दलों ने ‘फ्री’ वाली योजनाओं को अपने-अपने घोषणापत्रों में शामिल किया है उसका असर भी देखने को मिलेगा।