न्यूज डेस्क
यस बैंक मामले में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से बैंक के पूर्व प्रमोटर और संस्थापक राणा कपूर के घर पर छापामारी हो रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ED के मुंबई दफ्तर राणा कूपर से लगातार पूछताछ हो रही है।
ईडी ने बैंक के संस्थापक और इस संकट के सामने आने से पहले बोर्ड एग्जिट कर चुके बैंक के पूर्व सीईओ राणा कपूर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। राणा कपूर के घर सहित कई ठिकानों पर पिछले 12 घंटे से छापेमारी जारी है।
जानकारी के मुताबिक, दीवान हाउसिंग फाइनैंस लिमिटेड (DHFL) को दिए गए लोन के मामले में उनके घर पर छापा मारा गया था। ईडी के अधिकारियों ने शुक्रवार देर शाम को उनका बयान भी रेकॉर्ड किया था। डीएचएफएल को सैकड़ों करोड़ों के लोन बांटे गए जो बाद में एनपीए में तब्दील हो गया।
आपको बता दें कि RBI ने राणा कपूर को अगस्त 2018 में पद छोड़ने के लिए कहा था। इसके बाद उन्हें 31 जवनरी 2019 को अपना पद छोड़ना पड़ा।
शुक्रवार को जांच एजेंसी ने राणा के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया था। इसके बाद शनिवार को राणा मुंबई में ईडी दफ्तर पहुंचे। राणा कपूर से ईडी की टीम पूछताछ कर रही है।
बता दें कि बीते कुछ समय में यस बैंक के गवर्नेंस पर लगातार सवालिया निशान खड़े होते रहे हैं। इसीलिए बैंक के मार्केट कैपिटलाइजेशन में लगातार गिरावट देखने को मिली है।
कॉरपोरेट सेक्टर में राणा कपूर का नेटवर्क स्ट्रॉन्ग माना जाता है। बैंक को कई महत्वपूर्ण डील दिलाने में कपूर ने अहम भूमिका निभाई थी। कपूर ने उन कंपनियों को पूंजीगत मदद दी, जिन्हें अन्य उधारकर्ता कर्ज देने से कतराते थे। लेकिन कभी मास्टरस्ट्रोक समझा जाना वाला यह कदम अब यस बैंक के लिए सबसे बुरी कहानी बन गया है।
बताते चलें कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नकदी संकट से जूझ रहे निजी क्षेत्र के यस बैंक को लेकर गुरुवार को बड़ा फैसला लिया। बैंक के ग्राहकों के लिए 50,000 रुपये की निकासी सीमा तय की है। यह व्यवस्था 30 दिन के लिए की गई है। इस फैसले के बाद बैंक की विभिन्न शाखाओं में परेशान ग्राहकों की लाइन लग गई है। आरबीआई ने निकासी की सीमा तय करने के साथ ही बैंक के निदेशक मंडल को भंग करते हुए प्रशासक भी नियुक्त किया है।