जुबिली न्यूज डेस्क
पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास के जयपुर स्थित आवास पर मंगलवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने छापेमारी की। यह कार्रवाई बहुचर्चित PACL घोटाले से जुड़ी बताई जा रही है। ईडी की टीम सुबह-सुबह जयपुर के सिविल लाइन इलाके में स्थित खाचरियावास के निवास पर पहुंची और तलाशी अभियान शुरू किया।
PACL घोटाले से जुड़ी है कार्रवाई
यह छापेमारी देश के सबसे बड़े निवेश घोटालों में से एक PACL घोटाले से जुड़ी है।
-
PACL (पीएसीएल) नाम की रियल एस्टेट कंपनी ने देशभर में लाखों लोगों से निवेश के नाम पर पैसे जुटाए थे।
-
वर्ष 2014 में SEBI ने कंपनी की योजनाओं को अवैध घोषित करते हुए इसका कारोबार बंद करवा दिया था।
-
SEBI के अनुसार, PACL की कुल संपत्तियां लगभग 1.86 लाख करोड़ रुपये हैं, जबकि देशभर के करीब 5.85 करोड़ निवेशकों ने इस कंपनी में लगभग 49,100 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
-
केवल राजस्थान में ही लगभग 28 लाख लोगों ने करीब 2,850 करोड़ रुपये का निवेश किया।
इस मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 2 फरवरी 2016 को सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश आर.एम. लोढ़ा की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई थी।
प्रताप सिंह खाचरियावास पर क्या आरोप हैं?
सूत्रों के मुताबिक, PACL घोटाले की जांच के दौरान प्रताप सिंह खाचरियावास की लगभग 30 करोड़ रुपये की कथित भागीदारी सामने आई है। इसी सिलसिले में ईडी ने उनके आवास पर छापा मारा है।
खाचरियावास की प्रतिक्रिया
छापेमारी के बाद मीडिया से बात करते हुए खाचरियावास ने कहा: “ईडी सर्च करने आई है। इससे पहले भी ईडी आई थी। हम पूरा सहयोग करेंगे। मुझे कोई डर नहीं है। हम अपना काम करेंगे और ईडी अपना।”
उन्होंने बीजेपी पर राजनीतिक साजिश का आरोप लगाते हुए कहा: “बीजेपी सरकार ईडी का इस्तेमाल राजनीति के लिए कर रही है। भजनलाल सरकार यह समझ रही है कि मैं डर जाऊंगा, लेकिन मैं न आज डरा हूं, न कल डरूंगा। मुझे किसी से डर नहीं है।”
ये भी पढें-6 जनपदों के 52 सेंटर्स पर आयोजित होगी सहायक आचार्य भर्ती परीक्षा
खाचरियावास ने यह भी दावा किया कि: “मुझे और मेरे परिवार को कोई नोटिस नहीं मिला है। हमारे खिलाफ ईडी का कोई केस नहीं चल रहा है। यह सारा मामला राजनीति से प्रेरित है।”फिलहाल ईडी की जांच जारी है। पूरे मामले में आगे की कार्रवाई की प्रतीक्षा की जा रही है।