जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। तमिलनाडु के बिजली मंत्री वी सेंथिल बालाजी के परिसरों पर मंगलवार (13 जून) को ईडी की छापेमारी के बाद विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।
कांग्रेस से लेकर आम आदमी पार्टी ने इस छापेमारी की कड़ी आलोचना की है। इतना ही नहीं इन पार्टियों ने इसे विपक्ष के खिलाफ प्रतिशोध की भावना से की जा रही कार्रवाई बताया है। इस पूरे मामले पर शरद पवार ने ट्वीट करते हुए सरकार पर हमला बोलते हुए लिखा है कि मैं विपक्षी दलों की ओर से शासित सरकारों के मंत्रियों के खिलाफ ईडी की लगातार हो रही कार्रवाई की कड़ी निंदा करता हूं।

सेंथिल बालाजी के कार्यालय पर छापे के साथ, ईडी अब अलोकतांत्रिक केंद्र सरकार के खिलाफ उठने वाली आवाज को कुचलने के अपने मकसद के साथ दक्षिणी राज्यों में पहुंच गया है। तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने भी इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए अपने मंत्री सेंथिल बालाजी का बचाव करते हुए कहा है कि ईडी की ओर से की गई छापेमारी संघीय सिद्धांत पर सीधा हमला है।
अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ बीजेपी की पिछले दरवाजे की रणनीति से उन्हें अच्छे परिणाम नहीं मिलेंगे। बीजेपी की बदले की राजनीति की ओछी हरकतों को देख रहे लोगों की चुप्पी को कम करके नहीं आंका जाना चाहिए। ये और कुछ नहीं बल्कि 2024 के तूफान से पहले की शांति है जो बीजेपी को बहा ले जाएगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी मोदी सरकार पर करारा हमला बोलते हुए कहाहै कि उनकी पार्टी तमिलनाडु के बिजली मंत्री के कार्यालय की तलाशी में ईडी के घोर दुरूपयोग की निंदा करती है।
ये उत्पीडऩ और डराने-धमकाने की मोदी सरकार की बेशर्म कोशिशें हैं। राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ जांच एजेंसियों का दुरुपयोग मोदी सरकार की पहचान रही है। ये हथकंडे विपक्ष को चुप कराने में कामयाब नहीं होंगे।
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