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यस बैंक के सीईओ राणा कपूर की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। ईडी ने बैंक के संस्थापक राणा कपूर के घर सहित कई ठिकानों पर छापेमारी की। साथ ही उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी दर्ज किया गया है। इसके अलावा जांच एजेंसी ने राणा के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी कर दिया है।
दरअसल आरबीआई बैंक की रीस्ट्रक्चरिंग पर काम कर रहा है। इसके लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने निकासी की सीमा 50 हजार रुपये निर्धारित कर दी है। साथ ही बैंक का निदेशक मंडल को भंग कर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व सीएफओ प्रशांत कुमार को बैंक को संकट से बाहर निकालने का जिम्मा सौंपा है।
गौरतलब है कि यस बैंक ने नवंबर 2019 में शेयर बाजार को यह जानकारी दी थी कि राणा कपूर ने बैंक के बोर्ड से पूरी तरह एग्जिट कर चुके हैं, लेकिन यह संकट रातोरात पैदा नहीं हुआ है। अब भले ही वो ये कह रहे हों कि क्या हो रहा, इसका उन्हें आइडिया नहीं। लेकिन उनके आवास पर छापेमारी के दौरान कई सबूत ईडी के हाथ लगे हैं। ऐसे में जिस तरह जांच हो रही है, उनकी मुश्किलें बढ़नी तय है।
एजेंसियों ने घटाई रेटिंग
रेटिंग एजेंसियों ने भी यस बैंक को तगड़ा झटका दिया है। मूडीज ने बयान जारी कर आरबीआई की पाबंदी को नकारात्मक बताते हुए बैंक की रेटिंग को कम कर दिया है। वहीं, आईसीआरए ने भी यस बैंक के टियर- II और टियर- I बॉन्ड को लेकर रेटिंग पर कैंची चला दी।
जाहिर है कि एक तरफ देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने यस बैंक में निवेश करने में रुचि दिखाई है। तो दूसरी तरफ सरकार ने यस बैंक के ग्राहकों को यह भरोसा दिलाया है कि उनका पैसा डुबने नहीं दिया जाएगा। इस मामले में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि वे खुद आरबीआई के संपर्क में हैं।