न्यूज डेस्क
पी चिदंबरम, डीके शिवकुमार, डीके सुरेश और शरद पवार के बाद एक और बड़े नेता पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का शिकंजा कस गया है। ईडी ने पूछताछ के लिए पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री और वरिष्ठ एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल को नोटिस जारी किया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक समय के कुख्यात गैंगस्टर और ड्रग्स का अवैध धंधा करने वाले इकबाल मेमन उर्फ मिर्ची के रिश्तेदारों से पूछताछ शुरू कर दी है। मिर्ची की 2013 में मौत हो चुकी है।
बता दें कि ईडी पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री और वरिष्ठ एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल के परिवार से जुड़ी एक कंपनी और मिर्ची के बीच एक कथित फाइनैंशल डील की जांच कर रही है। मिर्ची कुख्यात गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम का सहयोगी था।
इस मामले पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मुंबई ब्लास्ट के आरोपी इकबाल मिर्ची की पत्नी और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल के बीच हुआ जमीन का सौदा देशद्रोह के किसी मामले से कम नहीं है। गृह मंत्री अमित शाह ने इसे ‘देश द्रोह’ का मामला बताते हुए सोनिया और राहुल गांधी के साथ-साथ शरद पवार को भी सफाई देने की मांग की।
हालांकि, प्रफुल्ल पटेल ने ईडी के इन आरोपों को खारिज किया है। सूत्रों का कहना है कि जल्द ही इस सिलसिले में एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल और उनके परिवार से भी पूछताछ हो सकती है।
सोमवार को ईडी ने इकबाल मेमन के रिश्तेदार मुक्तार पटका का बयान दर्ज किया। जल्द ही इकबाल मेमन उर्फ मिर्ची की पत्नी हाजरा और उसके दो बेटों के बयान भी दर्ज किए जाएंगे।
यह जांच उस मामले की जांच कर रही है जिसके बारे में कहा जा रहा है कि पटेल परिवार की प्रमोटेड कंपनी मिलेनियम डिवेलपर्स और मिर्ची के परिवार के बीच एक फाइनैंशल डील हुई थी।
सूत्रों का कहना है कि इस डील के तहत मिलेनियम डिवेलपर्स को मिर्ची का वर्ली स्थित एक प्लॉट दिया गया था। यह प्लॉट वर्ली में नेहरू प्लैनेटेरियम के सामने प्राइम लोकेशन पर मौजूद है। इसी प्लॉट पर मिलेनियम डिवेलपर्स ने 15 मंजिला कमर्शल और रेजिडेंशल इमारत का निर्माण किया है। इसका नाम सीजे हाउस रखा गया है।
इसके बाद 2007 में कंपनी ने कथित तौर पर सीजे हाउस में 14 हजार वर्ग फीट के दो फ्लोर मिर्ची की बीवी हाजरा को एक रजिस्टर्ड अग्रीमेंट के तहत दे दिए गए। मिर्ची ने अधिकांश प्रॉपर्टी अपनी बीवी और अपने बेटों के नाम खरीदी थी। वर्ली की प्राइम लोकेशन पर उनके कई प्लॉट हैं।
वर्ली में जिस प्लॉट पर 1980 के दशक में मिर्ची का डिस्कोथेक ‘फिशरमैंस वार्फ’ बना था वह भी हाजरा के ही नाम था। ईडी को 1999 से 2007 के बीच जमीन के मालिकाना हक वाले कागज भी मिल गए हैं। बताया जाता है कि एक दस्तावेज में हाजरा और मिलेनियम डिवेलपर्स के बीच इस प्लॉट को फिर से डिवेलप करने की हुई डील के सबूत हैं।
सूत्रों ने कहा कि चूंकि मिर्ची ने यह संपत्ति अवैध गतिविधियों से कमाए पैसे से खरीदी थी इसलिए यह अपराध के जरिए अर्जित किया गया धन है। ये बयान दर्ज करने के बाद, ईडी संपत्ति कुर्क करने पर फैसला लेगी। मिर्ची ने 1985 में वर्ली में बेनामी संपत्ति के रूप में एमके मोहम्मद नाम के एक शख्स से एक रेस्तरां खरीदा था।