जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना नौकरी के बदले जमीन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है।
इस चार्जशीट से लालू यादव के परिवार की मुश्किलें जरूर बढ़ा दी है। दरअसल इस चार्जशीट में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, मीसा भारती, हिमा यादव, हृदयानंद चौधरी समेत अमित कत्याल का नाम दर्ज है। इतना ही नहीं ईडी ने बड़ा कदम उठाते हुए दो फर्मों को भी आरोपी के तौर पर चार्जशीट में रखा है।
राउज ऐवन्यू कोर्ट 16 जनवरी को चार्जशीट पर संज्ञान लेने पर सुनवाई करेगा। ईडी और सीबीआई लगातार एक्शन ले रही है। इससे पहले सीबीआई 3 चार्जशीट फाइल कर चुकी है। ईडी ने कोर्ट में बताया कि राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव और ह्रदयानंद चौधरी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
क्या है लैंड फॉर जॉब घोटाला?
ईडी के अनुसार ये कथित घोटाला उस वक्त है जब केंद्र में यूपीए-1 की सरकार थी और लालू प्रसाद यादव केंद्रीय रेल मंत्री थे। इस पूरे खेल पर गौर करे तो आरोप लगा है कि लालू यादव जब रेल मंत्री थे तब उन्होंने अपने परिवार और उनके करीबी लोगों को जमीन के बदले में इंडियन रेलवे के अलग-अलग क्षेत्रों में ग्रुप-डी के पदों पर कई लोगों को नियुक्ति दी गई।
ये मामला साल 2004 से 2009 के बीच का था जब मनमोहन सरकार थी। इसके बाद सीबीआई ने इस पूरे मामले पर शिकायत दर्ज की थी। इसके बाद ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत मामले की जांच करनी शुरू की।