जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. ढाई साल से सीतापुर जेल में बंद आज़म खां की दिक्कतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. आज़म खां की जौहर यूनिवर्सिटी से जुड़े शत्रु सम्पत्ति मामले की जांच के लिए लखनऊ से प्रवर्तन निदेशालय की टीम बुधवार को लखनऊ से रामपुर पहुँची. इस टीम में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के अलावा राजस्व विभाग की टीम और तहसीलदार प्रमोद कुमार भी मौजूद थे. आरोप है कि आज़म खां ने जौहर यूनीवर्सिटी बनाने में 250 बीघा शत्रु सम्पत्ति का भी इस्तेमाल कर लिया.
जौहर यूनीवर्सिटी की यह वही विवादित ज़मीन है जिस मामले में मंगलवार को हाईकोर्ट ने आज़म खां को अंतरिम ज़मानत देते हुए रामपुर के डीएम को 30 जून 2022 तक जौहर विश्वविद्यालय परिसर में शत्रु सम्पत्ति के तौर पर चिन्हित ज़मीन पर कब्जा लेकर चहारदीवारी खड़ा करने का आदेश दिया है.
जस्टिस राहुल चतुर्वेदी ने अपने फैसले में कहा है कि ज़मीन पर कब्जा लेने के मामले डीएम की संतुष्टि के बाद यह अंतरिम ज़मानत नियमित ज़मानत में बदल जायेगी. आरोप है कि देश छोड़कर पाकिस्तान चले गए इमामुद्दीन कुरैशी की 13.84 हेक्टेयर ज़मीन को आज़म खां ने जौहर यूनिवर्सिटी में मिला लिया जबकि इमामुद्दीन के भारत की नागरिकता छोड़ते ही वह ज़मीन शत्रु सम्पत्ति में बदल गई थी.
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