Monday - 28 October 2024 - 9:15 AM

अर्थव्‍यवस्‍था चौपट लेकिन जीएसटी के मोर्चे पर राहत, बाजार में गिरावट से बढ़ी परेशानी

न्यूज़ डेस्क

नई दिल्‍ली। अर्थव्‍यवस्‍था के मोर्चे पर भले ही अच्छी खबर सामने न आई हो लेकिन जीएसटी कलेक्‍शन के मोर्चे पर सरकार को थोड़ी राहत जरूर मिली है। दरअसल जुलाई में जीएसटी का कलेक्‍शन एक लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। वहीं देश में अर्थव्‍यवस्‍था लगातार गिरती जा रहे है।

अमेरिका के केंद्रिय बैंक फेडरल रिजर्व ने साल 2008 की मंदी के बाद पहली बार ब्याज दरें घटाई हैं, जिसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी देखने को मिला है। शेयर बाजार में गिरावट के तरह ही भारतीय रुपये में भी शुरुआती कमजोरी देखने को मिली है। आज डॉलर के मुकाबले रुपया 20 पैसे की गिरावट के साथ खुला।

भारत से दुनिया की पांचवीं अर्थव्‍यवस्‍था का ताज छिन गया है। ऐसा भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के साल 2018 में सुस्‍त रहने की वजह से हुआ है, जिसका खाजियामा भारत को भुगतना पड़ा है।

अपने दूसरे कार्यकाल में मोदी ने भारत की अर्थव्‍यवस्था अगले पांच सालों में पांच ट्रिलियन डॉलर पहुंचाने की बात कही गई है। ऐसे में विश्‍व बैंक का ताजा आंकड़ा सवालिया निशान खड़ा करता है। विश्‍व बैंक के ताजा आकंड़ों पर अर्थशास्‍त्रयों की मानें तो भारत सातवें स्‍थान पर पिछड़ने के पीछे डॉलर के मुकाबले रुपये का कमजोर होना सबसे बड़ी वजह है।

वहीं सरकार के लिए गुड्स एंड सर्विस टैक्‍स (जीएसटी) कलेक्‍शन जुलाई में पिछले महीने के मुकाबले बेहतर रहा है। इस महीने में जीएसटी कलेक्‍शन फिर एक लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया। इससे पहले जून में जीएसटी का कलेक्‍शन 99,939 करोड़ रुपये हुआ था।

चालू वित्‍त वर्ष 2019-20 में पहली बार ऐसा हुआ जब जीएसटी का कलेक्‍शन एक लाख करोड़ रुपये के स्तर से नीचे आ गया, ज‍बकि एक साल पूर्व जुलाई में 96,483 करोड़ रुपये जीएसटी का कलेक्शन हुआ था। इस हिसाब से इस बार का जीएसटी कलेक्शन 5.8 फीसदी अधिक 1,02,083 करोड़ रुपये है।

गुरुवार देर रात जारी आकंड़ों के मुताबिक जुलाई 2019 में सेंट्रल जीएसटी कलेक्शन 17,912 करोड़ रुपये और स्टेट जीएसटी कलेक्शन 25,008 करोड़ रुपये हुआ। वहीं, इंटीग्रेटेड जीएसटी 50,612 करोड़ रुपये के करीब पहुंच गया।

सेस का कलेक्शन 8,551 करोड़ रुपये रहा, जिसमें आयात पर 797 करोड़ रुपये का सेस भी शामिल है। जुलाई में 75.79 लाख जीएसटीआर 3बी रिटर्न दाखिल किए गए हैं। जून महीने के लिए 31 जुलाई तक 745 लाख 79 हजार जीएसटीआर- 3बी फॉर्म भरे गये।

बीते दिन गुरुवार को जहां भारत में शेयर मार्केट बुरी तरह से नीचे गिरकर बंद हुआ, वहीं कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन बाजार ने भारी गिरावट के साथ ही अपने कारोबार की शुरूआत की। शुक्रवार को सेंसेक्स ने अपने कारोबार की शुरुआत 36,000 के स्तर पर आकर की, जबकि निफ्टी गिरकर 10,000 के स्तर पर खुला है।

बीएसई के 31 कंपनियों के शेयर पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स -222.32 (-0.60%) अंकों की गिरावट के साथ 36,796.00 अंकों के स्तर पर खुला है। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के 50 कंपनियों के शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी -49.70 (-0.45%) अंक की गिरावट के साथ 10,930.30 के स्तर पर खुला।

इनके शेयरों में ज्यादा गिरावट देखने को मिली

अशोक लेलेंड, जेएसडब्ल्यू स्टील, टाटा स्टील, जेएसपीएल, वोडाफोन आइडिया, एचडीएफएल, वेदांता, हिंडालको, बंधन बैंक, गोदरेज कन्ज्यूमर, अपोलो टायर्स, हीरो मोटो, आयशर मोटर, टाटा मोटर्स इंडयइंड बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के शेयर हैं। जबकि भारती एयरटडेल, आईओसी, एचपीसीएल, बीपीसीएल और इन्फोसिस के शेयर हरे निशान पर कारोबार कर रहे हैं।

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