Wednesday - 30 October 2024 - 12:37 AM

सर्वे से मिल गया इशारा, टैक्स स्लैब में हो सकता है बड़ा बदलाव!

न्यूज़ डेस्क

नई दिल्ली। बजट 2020 से ठीक पहले मिडिल क्लास के लिए बड़ी खबर आई है। इकोनॉमिक सर्वे 2020 संसद में पेश हो चुका है। इकोनॉमिक सर्वे के जरिए यह इशारा दिया गया है कि बजट में इनकम टैक्स स्लैब में आंशिक बदलाव संभव है।

1 फरवरी यानी कल शनिवार के दिन बजट 2020 संसद में पेश होगा। इस बजट में इनकम टैक्स से राहत मिलने की पूरी उम्मीद जतायी जा रही है। आर्थिक सर्वे में साफ इसके संकेत भी मिले हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 पेश किया। आर्थिक सर्वेक्षण में उम्‍मीद जताई गई हैं कि सरकार बजट 2020 में टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स में बड़ी राहत दे सकती है।

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इसके अलावा इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर सेक्‍टर में निवेश बढ़ाने के लिए भी कई ऐलान हो सकते हैं। क्योकि इस समय इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर सेक्‍टर और ऑटो सेक्टर में मंदी जैसे हालात कई महीनों से देखने को मिल रहा है।

आपको बता दे कि कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के बाद से ही इनकम टैक्स छूट की मांग भी लगातार हो रही है। एक्सपर्ट्स का भी मानना है कि इकोनॉमी में डिमांड और कंजम्प्शन बढ़ाने के लिए इनकम टैक्स में छूट बेहद जरूरी है। टैक्सपेयर्स को छूट देकर इकोनॉमी में डिमांड बढ़ाई जा सकती है।

इकोनॉमिक सर्वे में इशारा मिला है कि सरकार इनकम टैक्स को लेकर कुछ बड़ा ऐलान करेगी। जानकारों की मानें तो यह ऐलान टैक्स स्लैब को लेकर हो सकता है। साथ ही सेक्शन 80C में भी छूट सीमा को बढ़ाया जा सकता है।

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सूत्रों के मुताबिक मौजूदा सिस्टम में सिर्फ इनकम टैक्स के लिए कुल 3 स्लैब हैं। इनमें 2.5 लाख से 5 लाख तक की आय वालों को 5% स्लैब में रखा जाता है। वहीं, 5-10 लाख की आय वालों को 20% टैक्स चुकाना होता है।

10 लाख रुपए से ऊपर की आय वालों पर 30% टैक्स लगता है। सूत्रों के मुताबिक आने वाले बजट में 10 लाख तक की आय वालों को बड़ी छूट मिल सकती है। इस इनकम वर्ग के लिए 10% का नया स्लैब आ सकता है।

बजट में 2.5 से 5 लाख वालों पर फिलहाल 5% टैक्स है, इसे बरकरार रखा जा सकता है। लेकिन 5 लाख से 10 लाख तक की आय पर फिलहाल 20% टैक्स है, जिसे घटाकर 10% किया जा सकता है।

मतलब 10 लाख तक की आय वालों को सिर्फ 10% टैक्स चुकाना होगा। इसके लिए नया स्लैब का प्रस्ताव आ सकता है। मतलब 3 स्लैब की जगह अब इनकम टैक्स में 4 स्लैब होंगे। 2.5 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री ही हो सकती है।

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मौजूदा सिस्टम में 10 लाख से ऊपर की इनकम पर 30% टैक्स लगता है। सूत्रों की मानें तो इस स्लैब को भी तोड़ा जा सकता है। मतलब 10 से 15 लाख रुपए तक की आय वालों को 20% और 15 से ऊपर की आय वालों को 30% टैक्स के दायरे में रखा जा सकता है। वहीं 2 करोड़ रुपए से ऊपर की इनकम को 35% टैक्स स्लैब में लाने का प्रस्ताव आ सकता है।

मौजूदा सिस्टम में अभी तक इनकम टैक्स के साथ 4% हेल्थ एंड एजुकेशन सेस लगता है। अब बजट में 15 लाख रुपए से ऊपर की आय वालों पर नया सेस लग सकता है। सूत्रों की मानें तो 15 लाख से ऊपर की आय वालों को 1% अतिरिक्त सेस चुकाना पड़ सकता है।

बजट 2020 में इस सेस को लाने का प्रस्ताव रखा जा सकता है। कुल मिलाकर 15 लाख से ऊपर की आय वालों को इनकम टैक्स के साथ 5% सेस चुकाना होगा।

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वित्त मंत्री ने इकोनॉमिक सर्वे पेश किया

  • FY21 में GDP ग्रोथ 6-6.5% रहने का अनुमान।
  • FY20 में GDP ग्रोथ 5% रहने का अनुमान।
  • FY20 में वित्तीय घाटा लक्ष्य बढ़ाने की जरूरत।
  • FY20 टैक्स कलेक्शन अनुमान से कम रहने की आशंका।
  • बेवजह खर्चो में कटौती की जरुरत।
  • H2 FY20 में ग्रोथ पटरी पर लौटने की उम्मीद।
  • छोटे बेस के कारण FY21 ग्रोथ में मजबूत रिकवरी संभव।
  • सरकारी खर्च बढ़ाने के लिए सब्सिडी घटाने की जरूरत।
  • सरकारी खर्च में सुधार इकोनॉमी के लिए अहम।
  • सरकारी खर्च में कटौती से ग्रोथ पर असर संभव।
  • टैक्स कलेक्शन में सुधार GST राजस्व पर निर्भर।
  • वित्तीय घाटा कम करने के लिए खाद्य सब्सिडी में कमी अहम।
  • सरकारी खर्च बढ़ने से निजी निवेश में बढ़ोतरी संभव।
  • देश में घरों की कीमतें काफी ऊंची।
  • बिना बिके मकानों की कीमत कम करें बिल्डर।
  • घरों की बिक्री बढ़ने से बैंक, NBFC को फायदा होगा।
  • महंगाई में बढ़ोतरी से मांग पर असर।
  • ग्लोबल टेंशन का एक्सपोर्ट पर असर जारी रह सकता है।
  • टैक्स कलेक्शन में कमी से सरकारी इंफ्रा खर्च, निवेश में कमी।
  • ग्लोबल ग्रोथ कमजोर रहने की आशंका।
  • US-ईरान तनाव से क्रूड कीमतें बढ़ सकती हैं।
  • औद्योगिक उत्पादन में रिकवरी के संकेत।
  • क्रूड बढ़ने से रुपया कमजोर हो सकता है।
  • US-ईरान तनाव से विदेशी निवेश कम हो सकता है।

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