जुबिली न्यूज डेस्क
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2021 पेश किया। इस रिपोर्ट कार्ड में सरकार के पिछले एक साल के कामों का लेखा जोखा होता है और साथ ही अगले वित्त वर्ष में सरकार किस दिशा में आगे बढ़ेगी उसकी भी जानकारी होती है।
इसके कवर पेज पर कोरोना महामारी के दौरान आपदा में अवसर की बात कही गई है। कोरोना महामारी का देश की अर्थव्यवस्था खासा असर पड़ा है। इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार के लिए ये दो बेहद अहम मुद्दे हैं।
बजट पेश होने से पहले संसद के पटल पर रखी गयी समीक्षा में अर्थव्यवस्था की स्थिति की विस्तार से जानकारी दी गयी है।
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मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति वेंकट सुब्रमणियम की अगुवाई वाली टीम ने 2020-21 की आर्थिक समीक्षा तैयार की है। इसमें देश की अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के बारे में जानकारी दिये जाने के साथ-साथ आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये आगे किये जाने वाले सुधारों के बारे में सुझाव दिये गये हैं।
कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन से प्रभावित अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2021-22 में तेजी से पुनरूद्धार की उम्मीद है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर में 23.9 प्रतिशत जबकि दूसरी तिमाही में 7.5 प्रतिशत की गिरावट आयी है।
पूरे वित्त वर्ष में 7.7 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है। अगले वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 11 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
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इस साल की #EconomicSurvey रिपोर्ट वह ब्लूप्रिंट है, जिस पर काम करते हुए लक्ष्य को हासिल किया जाएगा। मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यम ने कहा कि हमनें मिलकर इस ब्लूप्रिंट में उन सभी पहलुओं को शामिल किया है जो मकसद को हासिल करने का जरिया होंगे।