जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. कोरोना महामारी के दौर में एक अच्छी खबर सामने आयी है. इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च और भारत बायोटेक की स्वदेशी वैक्सीन दो महीने बाद भारतीयों को मूल सकती है. इस वैक्सीन की दो बूँदें नाक में डाली जाएंगी.
डब्ल्यूएचओ ने साथ ही यह दावा भी किया है कि वैक्सीन आने के बाद भी यह महामारी अपने आप रुकने वाली नहीं है. इस वैक्सीन के आने से पीड़ितों को राहत मिलेगी लेकिन कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते रहना होगा ताकि इस बीमारी को आगे फैलने से रोका जा सके.
एक अंग्रेज़ी अखबार के मुताबिक़ यह वैक्सीन शुरुआत में हाई रिस्क वाली आबादी को दी जायेगी. कोरोना महामारी को रोकने के लिए ज़मीनी स्तर पर काम कर रहे फ्रंटलाइन वालों को यह वैक्सीन दी जायेगी. इसके बाद कम इम्युनिटी वालों और बुजुर्गों को यह वैक्सीन मिलेगी.
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एक अधिकारी ने बताया कि भारत में 100 करोड़ वैक्सीन डोज़ के लिए बातचीत चल रही है. इस प्रयोगात्मक वैक्सीन को लेकर आने वाली कम्पनी के मुताबिक़ भारत ने 60 करोड़ डोज़ के प्री आर्डर के लिए अपनी मैन्यूफैक्चरिंग क्षमता का उपयोग किया है.