न्यूज डेस्क
देश में कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान जरूरी वस्तुओं और सेवा प्रदाताओं के लिए ई-पास जारी करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए ई-जीओवी फाउंडेशन ने कोविड ई-पास सिस्टम को लॉन्च किया है। इस प्लेटफॉर्म के लॉन्च होने से सरकारी अधिकारियों पर से काम का दबाव कम होगा वहीं, लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सेवाओं और वस्तुओं की आपूर्ति भी बिना किसी बाधा के जारी रहेगी।
कोविड ई-पास प्रणाली एक ट्रस्ट बेस्ड एप्लीकेशन है। इसके जरिए राज्य के नोडल अधिकारी प्रत्येक कंपनी के वन टाइम पंजीकरण अनुरोध को अनुमोदित करने के अलावा प्रत्येक कंपनी के लिए दैनिक कोटा पास जारी करेंगे। संबंधित कंपनी के प्राधिकृत अधिकारी को अपने कोटा के अंतर्गत कर्मचारियों और सहयोगियों के लिए शहर में गतिविधि हेतु बल्क पास जारी करने का अधिकार होगा।
इस पास को जारी करने के लिए उसे बाद में किसी सरकारी अधिकारी से अनुमति की जरूरत नहीं होगी। आवेदक को ई-पास पीडीएफ और एसएमएस के रूप में दिया जाता है। साथ ही निर्देश दिया जाता है कि इसे दिखाते समय पहचान प्रमाणपत्र का होना अनिवार्य है। राज्य के नोडल अधिकारी पुलिस के साथ ई-पास के सत्यापन के लिए कार्य करेंगे। इस प्रकार के प्रणाली का उपयोग दिल्ली, हरियाणा, तेलंगाना, ओडिशा, पंजाब, पुडुचेरी और कर्नाटक में पहले से ही चल रहा है।
बता दें कि ई-पास प्लेटफार्म को सरकार के कोरोना संपर्क ट्रेसिंग ऐप आरोग्य सेतु के साथ भी जोड़ा गया है। अधिकारियों के अनुसार, इस प्लेटफार्म पर हर घंटे लाखों की संख्या में नए यूजर रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं। वर्तमान में इस प्लेटफार्म पर 70 मिलियन यूजर रजिस्टर्ड हैं।
ई-पास को जारी करने से पहले आरोग्य सेतु ऐप के जरिए आवेदक से स्वास्थ्य की जानकारी ली जाएगी। अगर उसमें कोई गड़बड़ी सामने आती है तो आवेदक को पास जारी नहीं किया जाएगा। ई-जीओवी के सीईओ विराज त्यागी ने कहा कि राष्ट्रीय ई-पास प्लेटफॉर्म का निर्माण एक सप्ताह से भी कम समय में किया गया है।