जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ. विकास दुबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने वाला राहुल तिवारी अपने घर लौट आया है. राहुल की एफआईआर के बाद ही पुलिस विकास दुबे के घर दबिश देने गई थी और इतना बड़ा काण्ड हो गया. घर लौटने के बाद राहुल ने विकास दुबे के बारे में तमाम बातें बताई हैं.
राहुल ने बताया कि उसकी ससुराल की ज़मीन को लेकर विकास दुबे से उसके रिश्ते खराब हो गए थे. 27 जून को वह मोटरसायकिल से अपने घर जा रहा था.रास्ते में विकास दुबे के लोगों ने न सिर्फ उसे रोककर उससे मारपीट की बल्कि उसके रुपये और मोटरसायकिल छीन ली. अपने साथ हुई घटना के बाद उसने थाने पर तहरीर दी तो पहली जुलाई को चौबेपुर के थानाध्यक्ष विनय तिवारी उसे लेकर बिकरू गाँव गए. वहां पहुँचने पर विकास दुबे के गुंडों ने राहुल के साथ फिर मारपीट की. उन लोगों ने विनय तिवारी को भी खूब गालियाँ दीं.
विनय तिवारी ने मौके की नजाकत को देखकर यह समझ लिया कि यह लोग राहुल को मार डालेंगे तो तिवारी ने विकास दुबे को अपने जनेऊ का वास्ता देकर राहुल को न मारने को कहा. विकास दुबे ने काफी देर पूछताछ के बाद मोटरसायकिल लौटा दी लेकिन राहुल समझ गया कि विकास दुबे उसे छोड़ेगा नहीं. यही वजह है कि वहां से सीधे पुलिस कप्तान के पास पहुँच गया. पुलिस कप्तान ने उसे थाने भेजा. उसके प्रार्थना पत्र के आधार पर ही कार्रवाई के लिए पुलिस पार्टी विकास दुबे के घर पहुँची थी, जहाँ विकास दुबे और उसके साथियों ने दबिश देने गए पुलिस अधिकारियों को शहीद कर दिया.
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बिकरू गाँव में हुई इतनी बड़ी वारदात के बाद राहुल दहशत में आकर अपना गाँव छोड़कर फरार हो गया. उसने अपना मोबाइल बंद कर दिया और गाँव वापस न लौटने का फैसला किया. जब उसे विकास दुबे के इनकाउंटर में मारे जाने की खबर मिली तो वह वापस लौटकर आया और सीधे पुलिस कप्तान के पास गया. पुलिस कप्तान ने उसे आश्वस्त किया कि वह जाकर अपने घर पर रहे. अब उसे कोई खतरा नहीं है.