जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। देश में कोरोना की दूसरी लहर के चलते जहां इस बार संक्रमित मरीजों और मौतों के आंकड़े बढ़ गए हैं वहीं इस महामारी ने एक बार फिर से नौकरियां खानी शुरू कर दी हैं। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के अनुसार अप्रैल में कुल 73.5 लाख नौकरियां गई हैं।
वहीं बेरोजगारी दर मार्च में 6.5% से बढ़कर अप्रैल में 7.97% तक पहुंच गई है। CMIE के मुताबिक सिर्फ अप्रैल के महीने में 34 लाख वेतनभोगियों का रोजगार गया। CMIE के प्रबंध निदेशक महेश व्यास ने कहा कि लॉकडाउन और आर्थिक मंदी ने ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे उद्यमों को तबाह कर दिया है।
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महेश व्यास ने कहा कि साल 2020 में लॉकडाउन अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ा झटका थी। हालांकि अक्तूबर में अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट ही रही थी कि साल 2021 में मार्च में कोरोना की दूसरी लहर ने दस्तक दे दी।
वहीं टेलीग्राफ के मुताबिक हालात सुधर सकते हैं लेकिन अभी इसकी उम्मीद नहीं है क्योंकि देश में अभी कोरोना की लहर चल रही है। टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर 2020 के अंत में भारत में संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों को मिलाकर 38.877 करोड़ लोग कार्यरत थे।
जनवरी अंत तक यह संख्या बढ़कर 40.07 करोड़ हो गई, लेकिन फरवरी तक 39.821 करोड़, मार्च तक 39.814 करोड़ और अप्रैल-अंत तक 39.079 करोड़ रह गई है। कुछ 28.4 लाख वेतनभोगी रोजगार ग्रामीण क्षेत्रों में गए है और शहरों में 5.6 लाख, मार्च में वेतनभोगी कर्मचारियों की संख्या 4.6 करोड़ से घटकर अप्रैल में 4.544 करोड़ हो गई है। अभी हालात सुधरने के आसार नहीं हैं।
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