जुबिली न्यूज डेस्क
वैसे तो पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है, लेकिन राज्य में पूरा माहौल चुनावी है। इसी के मद्देनजर टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने एक बड़ा दांव चला है।
कोरोना महामारी के बीच चुनाव के ठीक पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंगाल में सभी को स्वास्थ्य योजना का लाभ देने का बड़ा ऐलान किया है।
गुरुवार के मुख्यमंत्री बनर्जी ने राज्य के 10 करोड़ परिवारों के लिए कैशलेस स्वास्थ्य लाभ की घोषणा की।
राजनीतिक पंडितों के मुताबिक यह ऐलान अगले साल होने वाले बंगाल विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अहम है। सत्तारूढ़ टीएमसी चुनाव प्रचार के दौरान इसे भाजपा के खिलाफ ‘विकास’ को अपना प्राथमिक हथियार बना सकती है।
ममता की इस योजना पर वरिष्ठ पत्रकार सुशील वर्मा कहते हैं कि बंगाल की लड़ाई टीएमसी और बीजेपी के बीच है। बिहार में जीत के बाद बीजेपी के हौसले बुलंद है। बीजेपी पश्चिम बंगाल में अपने हिंदुत्व के साथ-साथ केंद्र के विकास की योजनाओं के सहारे चुनाव में उतरेगी। ममता ने हिंदुत्व का काट तो बांग्ला राष्टï्रवाद के जरिए ढ़ूढ निकाला है लेकिन केंद्र सरकार की विकास की योजनाओं का भी काट ढ़ूढना शुरु कर दिया है। यह योजना इसी कड़ी का एक हिस्सा है।
गुरुवार को ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा संचालित स्वास्थ्य योजना ‘स्वास्थ्य साथी का लाभ’ एक दिसंबर, 2020 से अब राज्य के प्रत्येक परिवार को मिलेगा। इस परियोजना के तहत हर परिवार को एक स्मार्ट कार्ड मिलेगा, जिससे भारत के लगभग 1500 सरकारी और निजी अस्पतालों से 5 लाख रुपये तक का कैशलेस स्वास्थ्य लाभ मिलेगा।
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केन्द्र की योजना ‘आयुष्मान भारत के साथ तुलना करते हुए मुख्यमंत्री ममता ने कहा कि केंद्रीय योजना को राज्यों के साथ 60:40 के अनुपात में लागू किया जाता है, जबकि ‘स्वास्थ्य साथी’ पर आने वाला पूरा वित्तीय खर्च पश्चिम बंगाल सरकार उठाती है।’
ममता ने कहा इस योजना में 2000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। जिन लोगों ने अभी तक स्वास्थ साथी स्वास्थ्य योजना के तहत पंजीकरण नहीं कराया है, जब सरकार अपना डोर-टू-डोर अभियान शुरू करेगी, तब वे अपना पंजीकरण करा सकते हैं।
पत्रकारों से बातचीत में ममता ने कहा, ‘इससे पहले हमने ‘स्वास्थ्य साथी’ के तहत कम से कम 7.5 करोड़ लोगों को लाभ देने का फैसला लिया था। आज मैं घोषणा करती हूं कि इस योजना के तहत पश्चिम बंगाल के प्रत्येक परिवार, प्रत्येक व्यक्ति, बुजुर्ग, बच्चे या महिला सभी को इस योजना के तहत लाभ मिलेगा, फिर चाहे वे किसी भी धर्म को मानने वाले हों।’
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उन्होंने कहा, ‘आयुष्मान भारत के लिए केन्द्र सरकार महज 60 प्रतिशत राशि देती है। बाकी 40 प्रतिशत कौन देगा? अगर आम आदमी को पांच लाख के बीमा के लिए 2.5 लाख रुपये देने पड़ें तो वह ऐसा बीमा क्यों कराएगा। हमारी स्वास्थ्य साथी योजना पूरी तरह से सरकार द्वारा वित्त पोषित है।’
साथ में उन्होंने यह भी कहा कि अगर केंद्र सरकार योजना के लिए पूरा 100 प्रतिशत खर्च उठाने को तैयार है तो वह उसका स्वागत करेंगी। उन्होंने कहा, ‘अगर वे आयुष्मान भारत का पूरा खर्च उठाना चाहते हैं तो वह इसे चलाएं। वे ऐसा क्यों नहीं करते हैं।’