जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. शाहरुख़ खान के बेटे आर्यन खान की ड्रग्स केस में गिरफ्तारी के बाद शुरू हुई सियासत के रुझान आने लगे हैं. यह लड़ाई अब ड्रग्स से बर्बाद होती युवा पीढ़ी को बचाने की कवायद या फिर ज़िम्मेदारी की वर्दी पहनकर पैसा कमाने के होड़ में लगे अफसरों के खिलाफ कोई अभियान नहीं है. यह लड़ाई अब महाराष्ट्र में सरकार बनाम बीजेपी बन गई है.
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने आर्यन खान को गिरफ्तार करने वाले एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए बताया कि किस तरह से यह 25 करोड़ रुपए की डीलिंग का मामला था. किस तरह से मुसलमान बनकर शादी रचाने वाला समीर नौकरी हासिल करने के लिए अनुसूचित जाति का बन गया.
समीर वानखेड़े जब बुरी तरह से घिर गए और इस विवाद में बीजेपी नेताओं के चेहरे भी सामने आने लगे तो अब नवाब मालिक के आधीन विभाग वक्फ बोर्ड की ज़मीन के कथित घोटालों के मामले ईडी ने छापेमारी शुरू कर दी है.
बताया जाता है कि ईडी ने बृहस्पतिवार को पुणे में सात जगहों पर सर्च आपरेशन शुरू कर दिया है. इसके साथ ही औरंगाबाद में में भी ईडी की छापेमारी चल रही है. पुणे की पुलिस का कहना है कि वक्फ संपत्तियों को निजी फायदे के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था.
नवाब मलिक के विभाग में ईडी का छापा ऐसे समय में पड़ा है जबकि नवाब मलिक ने महाराष्ट्र सरकार में नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी नेता देवेन्द्र फडनवीस के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है. देवेन्द्र फडनवीस ने खुद पर आरोप लगते ही नवाब मालिक पर संदिग्ध लैंड डील में शामिल होने का आरोप लगा दिया था. देवेन्द्र फडनवीस की पत्नी ने भी नवाब मालिक पर तमाम आरोप लगाए थे. उन्होंने नवाब मलिक पर मानहानि का आरोप भी मढ़ा था. आरोप-प्रत्यारोप के बीच ईडी ने अपना काम शुरू कर दिया है.
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