जुबिली न्यूज डेस्क
लखनऊ: अब लोग ऑफिसों में जींस नहीं पहन सकेंगें. सरकारी दफ्तरो में जींस पहने पर प्रतिबंध लागा दिया है. अब सिर्फ फार्मल ड्रेस पहन रप ही जाना है. ये नियम महिला व पुरूष दोने कर्मचारियों पर लागू किया गया है. इस नियम के लागू होने के बाद ये इसकी खूब चर्चा हो रही है.
बता दे कि उत्तर प्रदेश में के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कार्यालय में नया ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है। कार्यालय में काम करने वाले कर्मचारियों को वेस्टर्न ड्रेसेज की जगह पर फॉर्मल ड्रेस में कार्यालय आने का निर्देश दिया गया है। दरअसल, अधिकारियों की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि पिछले दिनों में कार्यालय में कर्मचारियों के बीच मनमाने तरीके से कपड़े पहनकर आने का सिलसिला बढ़ा है। इसे कार्यालय की मर्यादा के अनुरूप नहीं माना गया है।
एनएचएम के अपर मिशन निदेशक डॉ. हीरालाल की ओर से आदेश जारी किया गया है। जारी किए आदेश के तहत कर्मचारियों के फैशनेबल कपड़ों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। एनएचएम के सभी अधिकारी और कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड तय कर दिए गए हैं। महिलाओं को जींस- टीशर्ट या स्कर्ट- टॉप पहन कर कार्यालय नहीं आने को कहा गया है। वहीं, पुरुष कर्मचारियों को ड्यूटी के समय जींस- टीशर्ट की जगह फॉर्मल पैंट- शर्ट में ऑफिस आना होगा।
गरिमापूर्ण फॉर्मल ड्रेस में ही ऑफिस आएं
एनएचएम के अपर मिशन निदेशक की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि एनएचएम ही ह्यूमन रिसॉर्स पॉलिसी में ड्रेस कोड की व्यवस्था है। इसके बाद भी तमाम अधिकारी और कर्मचारी इसका अनुपालन नहीं करते हैं। ऑफिस में अनफॉर्मल ड्रेस पहनकर कर्मचारी- अधिकारी आ रहे हैं। इसे गरिमा के अनुकूल नहीं माना गया है। एनएचएम के सभी कर्मचारी- अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे गरिमापूर्ण फॉर्मल ड्रेस में ही ऑफिस आएं।
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महिला साड़ी या सलवार-कमीज पहन कर आए
जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि महिलाएं साड़ी या दुपट्टे के साथ सलवार-कमीज ही पहनकर ऑफिस आएंगी। वहीं, पुरुषों को भी फॉर्मल ड्रेस में ऑफिस आना होगा। एनएचएम की मिशन निदेशक पिंकी जोवेल की ओर से भी ड्रेस कोड का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया था। मिशन निदेशक ने ह्यूमन रिसॉर्स पॉलिसी के चैप्टर 11 के प्वाइंट 4 में ड्रेस कोड की व्यवस्था का उल्लेख करते हुए इसका सख्ती के साथ पालन कराने के निर्देश दिए थे। चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से इससे पहले प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में काम करने वाले महिला- पुरुष डॉक्टर और कर्मचारियों के ड्रेस कोड के अनुपालन का आदेश जारी किया था।