जुबिली स्पेशल डेस्क
द्रौपदी मुर्मू को देश की 15वीं राष्ट्रपति के तौर पर चीफ जस्टिस एनवी रमना ने शपथ दिलाई। इसके साथ ही द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति भी बन गई। सुबह सवा 10 बजे द्रौपदी मुर्मू ने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद की शपथ ली। उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई।
पहले संबोधन की शुरुआत ‘जोहार ! नमस्कार !’ से की और गरीबी में हुई प्रारंभिक शिक्षा से लेकर राजनीति की शुरुआत और राष्ट्रपति बनने के सफर को याद किया। इस दौरान उन्होंने खासतौर से महिलाओं के सशक्तिकरण पर बात की और इस उपलब्धि को गरीबों को समर्पित किया।उन्होंने कहा, ‘मुझे राष्ट्रपति के रूप में देश ने एक ऐसे महत्वपूर्ण कालखंड में चुना है जब हम अपनी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं।
आज से कुछ दिन बाद ही देश अपनी स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे करेगा।’ उन्होंने कहा, ‘ये भी एक संयोग है कि जब देश अपनी आजादी के 50वें वर्ष का पर्व मना रहा था तभी मेरे राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई थी। और आज आजादी के 75वें वर्ष में मुझे ये नया दायित्व मिला है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं देश की ऐसी पहली राष्ट्रपति भी हूं जिसका जन्म आजाद भारत में हुआ है।’ इससे पहले प्रतिभा पाटिल देश की पहली महिला राष्ट्रपति थीं।
शपथ ग्रहण समारोह से पहले निवर्तमान राष्ट्रपति और निर्वाचित राष्ट्रपति संसद पहुंचेंगे। उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मंत्रिपरिषद के सदस्य, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, राजनयिक मिशनों के प्रमुख, संसद सदस्य और सरकार के प्रमुख असैन्य एवं सैन्य अधिकारी समारोह में शामिल थे ।
द्रौपदी मुर्मू के जीत को लेकर उनके गांव में तो उत्साह है ही, कई जगहों से उनके जीत में जश्न की तैयारियों की खबरें आ रही हैं। इस बीच जानकारी आ रही है कि बीजेपी इस जीत का जश्न मनाने के लिए दिल्ली में जुलूस निकालने जा रही है। सत्ताधारी पार्टी इसे अपनी रणनीतिक जीत के तौर पर दिखाते हुए 2024 के चुनाव की भूमिका तैयार करने की कोशिश में है।