जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. कानपुर के डिविनिटी होम्स अपार्टमेंट में अपनी पत्नी और बच्चो की हत्या के बाद अपने भाई को एसएमएस के ज़रिये वारदात की जानकारी देकर लापता हो गए डॉ. सुशील कुमार का शव रविवार को गंगा नदी से पुलिस ने बरामद किया है. कानपुर पुलिस पिछले दस दिन से डॉ. सुशील कुमार को इसी मकसद से तलाश कर रही थी कि आखिर अपने हँसते-खेलते परिवार को उन्होंने मौत की नींद क्यों सुला दिया, लेकिन यह सवाल अब हमेशा के लिए सवाल ही बनकर रह गया है.
गंगा नदी में डॉ. सुशील की लाश वारदात के दस दिन बाद मिली है. डॉ. सुशील के भाई से पूरा घटनाक्रम जानने के बाद पुलिस ने उनके फ़्लैट से उनकी 48 वर्षीय पत्नी चन्द्रप्रभा, इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा 18 साल का बेटा शिखर और हाईस्कूल में पढ़ने वाली बेटी खुशी की खून में सनी लाशें बरामद की थीं. तीनों लाशों को पोस्टमार्टम के लिए भेजने के बाद पुलिस ने डॉ. सुशील की तलाश शुरू की.
पुलिस को डॉ. सुशील सीसीटीवी में पैदल जाते नज़र आये थे. पुलिस ने मोबाइल की लोकेशन के हिसाब से उन्हें तलाश किया तो वह अपने घर से निकलकर गंगा के किनारे ही पहुंचे थे. उनकी आख़री लोकेशन अटल घाट ही मिली थी. हालांकि वह अटल घाट पर एक से डेढ़ घंटा रहे थे मगर इसके बाद वह गायब हो गए थे.
फारेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. सुशील किस मानसिक तनाव में थे कि उन्होंने मरने से पहले अपना पूरा परिवार खत्म कर दिया यह मुश्किल सवाल डॉ. सुशील के साथ ही अनसुलझा रह गया. डॉ. सुशील के पास पर्स में एटीएम, आधार, नगदी और नशीली दवाओं के पत्ते मिले हैं. इससे यह माना जा रहा है कि डॉ. सुशील ने परिवार को पहले नशीली दवाइयाँ दीं और बेहोश हो जाने पर उनकी हत्या कर दी. इस वारदात को अंजाम देने के बाद उन्होंने गंगा नदी में कूदकर अपनी जान दे दी.
यह भी पढ़ें : पूरे राजकीय सम्मान के साथ हुआ शहीद जितेन्द्र वर्मा का अंतिम संस्कार
यह भी पढ़ें : समाजवादी पार्टी के लिए बहुत ख़ास रहा यह रविवार
यह भी पढ़ें : आतंकवाद को किसी धर्म से न जोड़ने की वकालत
यह भी पढ़ें : डंके की चोट पर : केशव बाबू धर्म का मंतर तभी काम करता है जब पेट भरा हो