आज मंगलवार को निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ संजय कुमार निषाद ने गोरखपुर में प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि निषाद पार्टी को इस मुकाम तक पहुचाने में मछुवा समाज का महत्वपूर्ण योगदान है । अपनी बात को एक शायराना अंदाज में कहते हुए उन्होंने समझाया कि ” समुंदर में भले ही पानी अपार है, परंतु सच तो यही है की वह नदियों का उधार है ” । डा. संजय निषाद ने कहा कि मछुआ समुदाय ने मेरी त्याग, तपस्या और कुर्बानियों का मूल्यांकन किया है । डॉक्टर संजय निषाद ने कसरवल के आंदोलन के बारे में कहा कि 7 जून 2015 कसरवल की लड़ाई में मैंने अपने एक भाई को गवां दिया, लेकिन सत्य की लड़ाई में ना तो मैं पीछे नहीं हटा और ना ही मेरी पार्टी कार्यकर्ताओं ने मुझे पीछे हटने दिया। कसरवल आंदोलन में मैं जेल गया, लाठियां खाई है। मैंने अपने पिछड़े, शोषित और कमजोर समाज को हक़ दिलाने का बीड़ा उठाया है और अपने लक्ष्य की तरफ अपने लोगों के दम पर लगातार आगे बढ़ता रहा । जब मछुआ समुदाय अपना सर उठा कर जीना शुरु कर रहा है तो समाज के कुछ ठेकेदार परेशान हैं। इसीलिए समय समय पर दुष्प्रचार का हथकंडा अपनाते हैं। लेकिन मैं सीना ठोक कर उन्हें बताना चाहता हूं कि मैं डरने और डिगने वाला नहीं हूं।
डा. संजय निषाद ने बताया कि इतिहास में पहली बार हुआ है कि मछुआ समुदाय का एकमात्र बेटा अपने समुदाय को संवैधानिक अधिकार दिलाने के लिए सड़क पर संघर्ष करते करते सदन तक पहुँचकर, केंद्र के साथ प्रदेश के दोनों सदनों में बीजेपी के सहयोगी निषाद पार्टी के 11 विधायकों के साथ वकालत करता है। प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में मत्स्य मंत्रालय को अलग कर मछुआ समुदाय के कल्याण के लिए 20 हजार करोड़ का बजट दिया गया है। उत्तर प्रदेश के मेरे मछुआ भाइयो के लिए इस साल के लिए केंद्र से 250 करोड़ रुपये दिए और निःशुल्क दुर्घटना बिमा भी लागू है।
मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने निषाद समाज के उत्थान के लिए करोड़ो रुपए का निषाद राज बोट योजना, मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना को लागू किया गया है, मुख्यमंत्री जी ने 25 करोड़ का बजट “मछुआ कल्याण कोष” की स्थापना और प्रयागराज श्रृंगवेरपुर धाम महाराज गुह्यराज निषाद के किले को पर्यटक स्थल घोषित कर भगवान श्रीराम और निषाद राज की गले मिलते मैत्री मूर्ती की स्थापित हेतु विधान सभा और विधान परिषद से बजट दिया है। जिसमें मछुआ समाज के प्रतिभावान लोगो के कल्याण के लिये प्रावधान किया गया है। डा. निषाद जी ने बताया कि इससे पूर्व कभी भी मछुआ समाज के लिए कुछ नहीं किया गया है, अभी तो यह शुरुआत है आने वाले समय मे मछुआ समाज के उत्थान, जीवन स्तर में सुथार और विकास की मुख्यधारा से जोड़ने को लेकर कई योजनाओं को संचालित किया जाएगा।
डा. निषाद जी ने मछुआ आरक्षण के संबंध में कहा कि पूर्व की सरकारों ने आरक्षण के मुद्दे को इतना जटिल बना दिया था कि उसको सुलझाने में समय लग रहा है। निषाद ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने RGI को पत्र लिखकर जिस मुद्दे को हम सड़क पर उठा रहे थे उसका संज्ञान लिया और केंद्र सरकार को RGI को पत्र लिखकर जानकारी मांगी, जिस पर RGI ने आरक्षण संबंधित पत्र को सामाजिक एवं न्याय अधिकारिता मंत्रलाय को अपनी स्वीकृति पत्र भेजा है।डा. निषाद जी ने कहा कि 7 जून 2015 कसरवल के मुकदमों की वापसी के लिए अधिकारिक रूप से शिर्ष नेतृत्व और मुख्यमंत्री पहल जारी है जल्द ही सुखद समाचार प्राप्त होंगे।