जुबिली स्पेशल डेस्क
वाराणसी. राहुल गाँधी की भारत जोड़ो यात्रा में देश के समाजकर्मियों , मानवाधिकारवादियों और साहित्यकारों, कलाकारों का अद्भुत जमावड़ा बनता दिखाई दे रहा है. राहुल की यात्रा में उनके आमंत्रण पर देश के सुप्रसिद्ध मानवाधिकारवादी सामाजिक कार्यकर्ता डॉ लेनिन रघुवंशी व राजनैतिक चिन्तक अभिमन्यु प्रताप विशिष्ट यात्री के रूप में शामिल हुए.
लेनिन और अभिमन्यु ने राहुल गाँधी के साथ हरियाणा के करनाल में पद यात्रा किया. इससे पूर्व लेनिन रघुवंशी ने पत्र के साथ ग्वांगजू जनविरोध (Gwangju uprising) पर लिखी किताब और हैमिलटन द्वारा प्रकाशित किताब reformative approach to human rights पर लिखी किताब राहुल गाँधी को प्रेषित की थी.
यात्रा में डा. लेनिन ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. शांति कुमार सिंह व दादी यशोदा देवी की स्मृतिया राहुल गाँधी को भेट की. उनके दादा को प्रधानमंत्री के रूप में इंदिरा गाँधी ने ताम्र पत्र दिया था.
वही दूसरी तरफ अपने सहयोगी अटल पुरस्कार से पुरस्कृत डॉ मोहनलाल पांडा के बारे में प्रकाशित खबर में दिखाते हुए दिखाया कि कैसे उनके पिता गिरीश पांडा ने किस तरह उड़ीसा कांग्रेस के लिए काम किये थे और इंदिरा गाँधी उनसे मिली थी.
वही दूसरी तरफ राजनैतिक चिन्तक अभिमन्यु प्रताप ने धार्मिक सद्भाव का पोस्टर व साथ ही भारत में डिब्बा बंद खाने पर चेतावनी वाला FOPL लागू करने के लिए अपना समर्थन देने के लिए आवेदन दिया.
मानवाधिकार कार्यकर्ता डॉ लेनिन रघुवंशी ने कहा की भारत के संविधान को जमीन पर लागू करने के लिए यह यात्रा बहुत महत्वपूर्ण है यह यात्रा हमारी अवधारणा नवदलित की बुनियाद पर आधारित है. इसलिए हम लोग इस यात्रा में शामिल हुए है, जिससे एक मजबूत भारत भारतीय संविधान पर आधारित बने, वैसा ही समाज, वैसी ही संस्थाए की संरचना स्थापित हो और इस मजबूत भारत दुनिया में बेहतर दुनिया बनाने के सपने को साकार करेगा.
डा. लेनिन के अनुसार महादेव के शहर काशी की बहुलतावाद व समावेशी संस्कृति को भी भारत जोड़ो यात्रा आगे बढ़ा रही है.इसलिए काशी से यह एक बड़ा समर्थन है.