जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ / देवरिया. स्वास्थ्य सेवा से बर्खास्त किये जा चुके डॉ. कफील खान देवरिया के जिला अस्पताल और 108 एम्बुलेंस में गंभीर मरीजों की जान बचाने की भरसक कोशिश करते नज़र आये. इसका वीडियो वायरल हुआ तो स्वास्थ्य महकमे में हड़कम्प मच गया. डीएम ने इस प्रकरण पर त्रिस्तरीय जांच कमेटी गठित कर दी है. इस कमेटी की जाँच रिपोर्ट के बाद किस-किस पर गाज गिरेगी यह आने वाला समय बताएगा.
गोरखपुर मेडिकल कालेज में आक्सीजन की कमी की वजह से हुई मौतों के मामलों में डॉ. कफील को उत्तर प्रदेश सरकार ने बर्खास्त कर दिया था. उन्हें कई महीने तक जेल में भी रहना पड़ा. समाजवादी पार्टी ने उन्हें देवरिया-कुशीनगर से एमएलसी पद के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है.
डॉ. कफील सरकारी एम्बुलेंस और सरकारी अस्पतालों में मरीजों का इलाज कर रहे हैं, इसकी शायद जानकारी ही न हो पाती लेकिन डॉ. कफील जिस गंभीर महिला की जान बचाने की कोशिश कर रहे थे उसकी मौत हो जाने के बाद उन्होंने खुद ट्वीट कर यह बताया कि 108 एम्बुलेंस से स्वास्थ्य उपकरण और ज़रूरी दवाइयाँ गायब थीं. उन्होंने इसका वीडियो भी लगाया और स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर आरोप लगाए.
डॉ. कफील ने ट्वीट किये गए इस वीडियो में कहा है कि जिन मिश्रा जी की माँ को कल 108 एम्बुलेंस के ज़रिये गोरखपुर रेफर किया गया था, उनकी मौत हो गई है. जिस एम्बुलेंस में उनको भेजा गया उसका आक्सीजन सिलेंडर खाली था. सदर अस्पताल देवरिया में न अंबु बैग था, ना लेरिंगोस्कोप था, ना ईटी ट्यूब और न जीवन रक्षक औषधियां.
डॉ. कफील देवरिया के जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भी गए और कई मरीजों की जान बचाने की कोशिश की लेकिन वहां भी स्वास्थ्य उपकरणों और दवाइयों का अभाव नज़र आया. डॉ. कफील ने ट्वीटर पर अधिकारियों को आड़े हाथों लिया तो लखनऊ से देवरिया तक हड़कम्प मच गया. अधिकारी यह जानने में जुट गए कि आखिर बर्खास्त डॉक्टर मरीजों की जान बचाने की कोशिश करने इमरजेंसी में कैसे पहुँच गए.
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