न्यूज डेस्क
अगस्त 2017 में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी के कारण, बच्चों की मौत के मामले के आरोपी डॉक्टर कफील अहमद खान को क्लीन चिट दे दी गई है।
इस मामलेकी जांच करने वाले अधिकारी और स्टांप एवं निबंधन विभाग के प्रमुख सचिव हिमांशु कुमार की रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टर कफील खान के खिलाफ ऐसा कोई भी सुबूत नहीं पाया गया जो यह साबित करता हो कि उन्होंने चिकित्सा में लापरवाहीबरती हो।
जांच रिपोर्ट के अनुसार हाल ही में एक आरटीआई आवेदन के जवाब में सरकार ने भी स्वीकार किया है कि 11/12 अगस्त 2017 को गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में 54 घंटे तक तरल ऑक्सीजन की कमी थी और डॉक्टर कफील खान ने वहां भर्ती बच्चों को बचाने के लिए वास्तव में जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था की थी।
क्लीन चिट मिलने पर डॉक्टर कफील खान ने इसे अपनी जीत बताया। उन्होंने सरकार से मांग की, कि उन्हें नौकरी पर बहाल किया जाए। इसके साथ ही डॉ. खान ने यह भी सवाल उठाया कि यह भी बताया जाए कि उस वक्त मेडिकल कॉलेज में इन्सेफेलाइटिस से पीडि़त करीब 70 बच्चों की मौत का जिम्मेदार कौन है।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य गणेश कुमार ने बताया कि डॉक्टर कफील खान को वह जांच रिपोर्ट बृहस्पतिवार को सौंप दी गई है।
गौरतलब है कि दो साल पहले गोरखपुर स्थित बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी के चलते करीब 60 बच्चों की मौत हो गई थी। इस मामले में योगी सरकार की खूब किरकिरी हुई थी।
सरकार ने इस आरोप को गलत बताया था। इस मामले में डॉक्टर कफील खान को आरोपी बनाया गया था और वह कई महीने तक जेल में भी रहे थे। उन्हें अप्रैल 2018 में जमानत पर रिहा किया गया था।
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