जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. आज आपकी मुलाक़ात डॉ. फरजाना हुसैन से करवाते हैं. डॉ. फरजाना लन्दन के डॉक्टरों में पहली पंक्ति में गिनीं जाने वाली डॉक्टर हैं. कोरोना काल में डॉ. फरजाना ने रात और दिन के फर्क को भुला दिया और रात दिन कोरोना के मरीजों के इलाज में लगी रहीं.
कोविड-19 के क्षेत्र में डॉ. फरजाना की अभूतपूर्व सेवाओं को देखते हुए इंग्लैण्ड की सरकार ने उन्हें अभूतपूर्व सम्मान दिया है. लन्दन के पिकाडली सर्कस के सबसे बड़े होर्डिंग पर डॉ. फरजाना की तस्वीर लगाई गई है. इस तस्वीर पर लिखा है, फरजाना हुसैन एक भारतीय मुस्लिम.
वर्ष 1995 में एमबीबीएस करने वाली डॉ. फरजाना लन्दन में बहुत काबिल डॉक्टरों में गिनी जाती हैं. मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए वह अच्छी शिक्षक भी हैं. यूनीवर्सिटी ऑफ़ लन्दन के तहत आने वाले मेडिकल कालेजों में वह लगातार विजिट करती रहती हैं और मेडिकल स्टूडेंट्स का मार्गदर्शन करती हैं. मेडिकल फाइनल इयर स्टूडेंट्स को डॉ. फरजाना के पास प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है.