जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. अगर आप उत्तर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी कानपुर जा रहे हैं तो होशियार रहिएगा. किसी चौराहे से गुज़रते वक्त अगर आपकी कार के पास ब्रांडेड जींस-टीशर्ट पहने सात-आठ युवतियां आ जाएं और आपसे आर्थिक मदद मांगने लगें तो उनसे उलझियेगा नहीं, वहां से निकलने का रास्ता देखिएगा. स्मार्ट बनने की कोशिश की तो फिर यह न कहियेगा कि बताया नहीं था.
यह युवतियां एक साथ रहती हैं और चौराहे पर खड़ी होकर अपना शिकार ताड़ती हैं. कोई बहाना लेकर मदद के नाम पर यह भीख मांगती हैं. शिकार ने इनकार कर दिया या फिर डांट दिया तो यह बुरी तरह से घेर लेती हैं और छेड़खानी का इल्जाम लगा देती हैं. मारपीट कर लेने में भी यह माहिर हैं.
गुजरात के अहमदाबाद की रहने वाली यह युवतियां कानपुर में डेरा डाले हुए हैं. इन्होंने यहाँ एक होटल में दो हज़ार रुपये किराये पर कमरा लिया है. दिन भर शिकार तलाशती हैं और शाम को अपनी जेबें भरकर होटल में आराम करती हैं.
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कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण को इस गैंग के बारे में जानकारी मिली तो पता चला कि इस गैंग के साथ बच्चे भी हैं. यह लड़कियां मुंहमांगा पैसा लेती हैं. मुंहमांगी रकम नहीं मिली तो पहले हाथापाई करती हैं फिर छेड़खानी का आरोप लगा देती हैं. पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर पुलिस ने इस गैंग की आठ सदस्याओं को गिरफ्तार कर लिया है. यह गैंग पिछले कई महीने से कानपुर में सक्रिय है. पुलिस इनके बारे में जानकारी जुटा रही है.