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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर के मुद्दे पर झूठ बोलकर पूरी दुनिया में खलबली मचा दी है। ट्रम्प के इस झूठ के तुरंत बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि कश्मीर के मुद्दे पर भारत पाकिस्तान के साथ सिर्फ द्विपक्षीय बातचीत कर सकता है। विदेश मंत्रालय ने बयान ज़ारी कर कहा कि कश्मीर पर भारत तीसरी पार्टी को हस्तक्षेप नहीं करने देगा। विदेश मंत्रालय के इस बयान के बाद डोनाल्ड ट्रम्प की चौतरफा किरकिरी हो रही है। वैसे ये कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि ‘ट्रम्प अक्सर अपने झूठे बयानों की वजह से मीडिया में सुर्खियाँ बटोरते हैं।’
अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट के फैक्ट चेकर्स डेटाबेस के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद से अब तक 10 हजार 796 बार झूठ बोल चुके हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद से ट्रंप औसतन दिन भर में 12 बार झूठ बोलते हैं। दुनिया के सबसे ताकतवर देश के लिए यह आंकड़ा बेहद शर्मिंदा करने वाला है।
बता दें कि, डोनाल्ड ट्रम्प ने विदेश नीति को लेकर अब तक 900 दावे किए हैं। साथ ही व्यापार को लेकर 854, अर्थव्यवस्था पर 790 और नौकरियों पर 755 दावे ट्रम्प कर चुके हैं। वहीँ, मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, इसमें से 899 झूठे वादे शामिल हैं।
इमीग्रेशन के दावे पर ट्रम्प कर रहे गुमराह
डोनाल्ड ट्रंप ने सबसे ज्यादा गुमराह करने वाले दावे इमीग्रेशन को लेकर किए हैं। इस संबंध में वह अब तक 1,433 दावे कर चुके हैं, जिनमें बीते तीन हफ्तों के दौरान किए गए 300 दावे शामिल हैं।
ट्रम्प के झूठ से पड़ोसी देश भी चौकन्ने
डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में साथी देशों के साथ संबंधों पर भी झूठों की बौछार कर दी। उन्होंने दावा किया था कि अमेरिका ने नाटो को 100% खर्च दिया, जबकि यह गलत बयान था। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा था कि सऊदी अरब और अमेरिका के बीच 450 अरब डॉलर के सौदे हुए, जिसे रक्षा विशेषज्ञों ने झूठा पाया।
ट्रम्प के झूठ के पीछे मध्यावधि चुनाव हैं
एक्सपर्ट्स का मानना है कि ट्रम्प के झूठे दावों के पीछे हाल ही में हुए मध्यावधि चुनाव बड़ी वजह रहे। इस दौरान उन्होंने मैक्सिको बॉर्डर की दीवार और रैलियों में कई भ्रामक दावे किए। इसके अलावा उन्होंने इमिग्रेशन के मुद्दे पर हर पांच में से एक दावा झूठा किया।
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