जुबिलीन्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ / वाराणसी. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद वाराणसी के सिविल जज ने ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े दस्तावेज़ जिला जज की अदालत के सिपुर्द कर दिए. जस्टिस डी.वाई.चन्द्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस पी.एस.नरसिम्हा की पीठ ने वाराणसी के जिला जज को आठ हफ्ते के भीतर ज्ञानवापी मामले मु सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने सिविल जज सीनियर डिवीज़न के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें उन्होंने मस्जिद में नमाजियों की संख्या को सीमित करते हुए 20 कर दिया था और मस्जिद के एक बड़े इलाके को सील करने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने पूरा मामला सिविल जज सीनियर डिवीज़न से जिला जज को ट्रांसफर करते हुए यह आदेश दिया कि मस्जिद में नमाज़ पहले की तरह से जारी रहेगी. सिर्फ उस जगह को ही सुरक्षित किया जायेगा जहाँ पर शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मस्जिद में नमाज़ के लिए जा रहे किसी भी व्यक्ति को नहीं रोका जायेगा. सुप्रीम कोर्ट ने जिला जज से यह परीक्षण करने को कहा है कि वह यह देखें कि हिन्दू पक्षकारों की याचिका सुनने के लायक है भी या नहीं.
सुप्रीम कोर्ट के सामने मुस्लिम पक्षकारों ने हिन्दू पक्ष की याचिका धर्मस्थल क़ानून 1991 के आधार पर नहीं स्वीकार करने को कहा क्योंकि इस क़ानून के अनुसार किसी भी धार्मिक स्थल का स्वरूप वैसा ही रहेगा जैसा कि 15 अगस्त 1947 को था. सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद में नमाज़ पढ़ने आने वालों के लिए वजू का अलग से इंतजाम करने को कहा. साथ ही इस मामले में जुलाई के दूसरे हफ्ते में सुप्रीम कोर्ट खुद सुनवाई करेगा.
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