न्यूज डेस्क
पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों की हड़ताल का असर अब देश के अन्य हिस्सों में भी दिखना शुरू हो गया है। कोलकाता से शुरू हुई डॉक्टरों की हड़ताल पांचवे दिन भी जारी है और अब पूरे देश में फैल गई है। दिल्ली, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और केरल तक के शहरों में डॉक्टर सड़कों पर उतर आए हैं। डॉक्टरों की हड़ताल से मरीजों का बुरा हाल है। कई अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाएं बंद कर दी गई हैं। जिसके वजह मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है।
इंडियन मेडिकल ऐसोसिएशन ने पश्चिम बंगाल में आंदोलनरत डॉक्टरों के प्रति एकजुटता जताते हुए 17 जून को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। हिंदू राउ अस्पताल के बाहर रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर बैठे हैं। यहां पर भी इमरजेंसी सेवा को छोड़कर सभी सेवाओं को बंद कर दिया गया है।
973 डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा
इस बीच हड़ताली जूनियर डॉक्टरों ने राज्य सचिवालय में शनिवार शाम में बैठक का ममता बनर्जी का आमंत्रण ठुकरा दिया है। डॉक्टरों ने कहा है कि मुख्यमंत्री को पहले माफी मांगनी होगी। यही नहीं अपना विरोध दर्ज कराते हुए अब तक 973 डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है।
एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कहा है कि हम पश्चिम बंगाल सरकार को हड़ताली डॉक्टरों की मांगों को पूरा करने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम जारी कर रहे हैं। अगर इस दौरान उनकी मांग पूरी नहीं की गई तो हम अनिश्चितकालीन हड़ताल करने पर मजबूर हो जाएंगे।
हालांकि, AIIMS और सफ़दरजंग अस्पताल में आज डॉक्टर्स हड़ताल में शामिल नहीं हैं। रेसीडेंट डॉक्टर्स एसोसीएशन का कहना है कि इन दो अस्पतालों को छोड़कर बाक़ी अस्पतालों में हड़ताल रहेगी। इमरजेंसी वॉर्ड को छोड़कर सभी वॉर्ड में काम नहीं होगा।
काम पर लौट रहे हैं लेकिन प्रोटेस्ट जारी रहेगा
एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट अमरिंदर सिंह माल्ही ने कहा कि हम काम पर तो लौट रहे हैं लेकिन प्रोटेस्ट जारी रहेगा। अमरिंदर सिंह माल्ही ने कहा कि हम बैंडेज और हैल्मेट पहनकर काम पर लौट रहे हैं। अगर स्थितियों में सुधार होता दिखाई नहीं देगा तो हम 17 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
इस बीच ममता बनर्जी के भाई कार्तिक बनर्जी के बेटे आबेश को भी डॉक्टरों का साथ मिला है। हड़ताल कर रहे डॉक्टरों के साथ उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इसके अलावा कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम की बेटी शब्बा हकीम और तृणमूल कांग्रेस के नेता काकली घोष दस्तीदार के बेटे बैद्यनाथ घोष दस्तीदार भी हड़ताल में डॉक्टरों का साथ दे रहे हैं।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के 14 बड़े अस्पतालों समेत 18 अस्पतालों ने शनिवार को हड़ताल पर रहने का ऐलान किया है। इस हड़ताल में 10 हजार से ज्यादा डॉक्टर शामिल हो रहे हैं। फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के बैनर तले इन सभी अस्पतालों के डॉक्टरों ने हड़ताल की पूर्व लिखित सूचना अपने मेडिकल सुपरिटेंडेंट को दे दी है। इन डॉक्टरों के हड़ताल में जाने से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से हिंदुस्तान के कई हिस्सों में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई है।
दिल्ली के अस्पतालों में हड़ताल
शनिवार को दिल्ली के जिन अस्पतालों के डॉक्टर हड़ताल पर शामिल रहेंगे, उनमें एम्स, सफदरजंग हॉस्पिटल, बाबा साहब अंबेडकर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, हिंदूराव हॉस्पिटल, बीएमएच दिल्ली, दीनदयाल उपाध्याय हॉस्पिटल, संजय गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज एंड एसोसिएटेड हॉस्पिटल्स, इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन बिहेवियर एंड अलाइड साइंसेज (इहबास), श्री दादा देव मातृ एवं शिशु चिकित्सालय, नॉर्दन रेलवे सेंट्रल हॉस्पिटल, ईएसआईसी हॉस्पिटल, चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय, गुरु तेग बहादुर हॉस्पिटल और गुरु गोविंद सिंह हॉस्पिटल समेत अन्य हॉस्पिटल शामिल हैं।
जम्मू-कश्मीर में डॉक्टर करेंगे 2 घंटे की हड़ताल
इसके अलावा जम्मू एंड कश्मीर डॉक्टर्स कोऑर्डिनेशन कमेटी ने भी हड़ताल करने का ऐलान किया है। जम्मू एंड कश्मीर डॉक्टर्स कोऑर्डिनेशन कमेटी के मुताबिक जम्मू-कश्मीर और लेह रीजन के सभी अस्पतालों में 15 जून को सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक दो घंटे की सांकेतिक हड़ताल रहेगी।
डॉक्टरों ने ममता के बातचीत के प्रस्ताव को ठुकराया
वहीं, डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बातचीत करने के आमंत्रण को ठुकरा दिया है. इसके अलावा पश्चिम बंगाल में 100 से ज्यादा डॉक्टर इस्तीफा भी दे चुके हैं। फिलहाल डॉक्टरों की हड़ताल खत्म होती नहीं दिख रही है।
क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि 10 जून को नील रत्न सरकार (NRS) मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान एक 75 वर्षीय मरीज की मौत हो गई थी। इससे गुस्साए परिजनों ने हॉस्पिटल में पहुंचकर डॉक्टरों को गालियां दी थी. इसके बाद डॉक्टरों ने माफी मांगने को कहा। उन्होंन कहा कि जब तक मृतक के परिजन हमसे माफी नहीं मांगते हैं, तब तक हम प्रमाण पत्र नहीं देंगे।
इससे पहले पश्चिम बंगाल में चल रही डॉक्टरों की हड़ताल के बीच कलकत्ता हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने बंगाल सरकार को कहा है कि वह तुरंत हड़ताल कर रहे डॉक्टरों से बातचीत करे और मामले को सुलझाए। इतना ही नहीं हाईकोर्ट ने ममता सरकार से पूछा है कि उन्होंने डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए हैं।
क्या बोले डॉ. हर्षवर्धन
कोलकाता के डॉक्टरों के समर्थन में दिल्ली के डॉक्टर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से मिलने पहुंचे। डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल ने डॉ. हर्षवर्धन से मुलाकात कर अपनी बात रखी और ममता सरकार की शिकायत की। हर्षवर्धन ने कहा है कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की धमकी और अल्टीमेटम से देश भर के डॉक्टरों में गुस्सा है।
हर्षवर्धन ने कहा है कि ममता की धमकी की वजह से ही कोलकाता के साथ-साथ पूरे देश के डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं। ऐसे में ममता बनर्जी को अपने रवैये में बदलाव लाना चाहिए ताकि मरीजों की परेशानी दूर हो सके। हर्षवर्धन ने डॉक्टरों से भी अपनी हड़ताल जल्द से जल्द तोड़ने की अपील की है।
पश्चिम बंगाल के हड़ताली डॉक्टरों के समर्थन में देशभर में चिकित्सकों द्वारा एकजुटता दिखाए जाने के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को सरकार से ऐसा कानून पारित कराने का अनुरोध किया, जिसके तहत डॉक्टरों पर हमला गैर-जमानती अपराध माना जाए।
उन्होंने ट्वीट किया, पश्चिम बंगाल ही नहीं, समूचे भारत में डॉक्टरों पर हमले जैसा जघन्य अपराध बार-बार होता है। सरकार को ऐसा कानून पारित कराना चाहिए, जिसके तहत डॉक्टरों पर किसी तरह का हमला गैर-जमानती अपराध माना जाए और अपराधी को कम से कम 12 साल कैद की सजा हो। ड्रैकोनियन क्लीनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट जो डॉक्टरों के साथ अपराधी जैसा व्यवहार करता है, उसे वापस लिया जाना चाहिए।
दरअसल, बंगाल में एक जूनियर डॉक्टर के साथ हुई मारपीट की घटना से मेडिकल एसोसिएशन में गुस्सा है, जिसके बाद यहां के डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं तो वहीं राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी डॉक्टरों पर ही हमलावर हैं। मामला इतना बढ़ गया है कि अदालत तक पहुंच गया है, हड़ताल को लेकल कलकत्ता हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है जिसपर कोर्ट ने ममता सरकार को डॉक्टरों से बात करने को कहा है।