न्यूज डेस्क
बरेली के जिला अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही के वजह से नवजात बच्ची की मौत के बाद निलंबित किए गए सीएमएस के पद पर तैनात डॉ कमलेश स्वरूप गुप्ता की जगह सीनियर डॉक्टर आर्य को चार्ज दिया गया।
शुक्रवार को जुबीली पोस्ट ने खबर पब्लिश की थी कि जिला चिकित्सालय बरेली में सीएमएस के पद पर तैनात डॉ कमलेश स्वरूप गुप्ता मुख्यमंत्री के आदेश की अनदेखी कर निलंबन के बाद भी पद पर काबिज रहे और वित्तीय कार्य निपटाने में लगे हैं।
खबर प्रसारित होते ही शासन ने कड़े तेवर अपनाए और अपर निदेशक बरेली मंडल ने शनिवार को ही ज्वाइंट डायरेक्टर बरेली को निदेशालय भेजा और ज्वाइंट डायरेक्टर ने डायरेक्टर सीएचसी,पीएससी से डॉक्टर गुप्ता को एकतरफा रिलीव करने और सीनियर डॉक्टर को चार्ज देने का आदेश ले लिया।
इसके बाद रविवार को कार्यालय खोलकर डॉ गुप्ता को एकतरफा रिलीव करके सीनियर डॉक्टर आर्य को चार्ज दिया गया। इससे पहले सीनियर डॉक्टर सागर को चार्ज लेने के लिए कहा गया था, परंतु उन्होंने चार्ज लेने से मना कर दिया, जिसके बाद दूसरे सीनियर डॉक्टर आर्य को चार्ज दिया गया।
इस बीच ये भी चर्चा रही कि महानिदेशालय में तैनात एक अधिकारी और बड़े नेता डॉ गुप्ता का ट्रांसफर रुकवाने की कोशिश में लगे रहे, लेकिन सारी चर्चाओं पर विराम लग गया। सोमवार को डॉक्टर आर्य को वित्तीय अधिकार दिलाने के लिए डीजी हेल्थ के काउंटर साइन होंगे।
आपको बता दें कि डॉ गुप्ता लगभग 30 वर्ष से बरेली मंडल में जमे थे और सभी सरकारों में इनका दखल था। परंतु योगी सरकार के कड़े तेवर से डॉक्टर गुप्ता के विरुद्ध निलंबन की कार्यवाही की गई।
बता दें कि इलाज के लिए अपनी चार दिन की बच्ची को लेकर अस्पताल पहुंचे माता-पिता को अस्पताल के डॉक्टरों भर्ती करने से मना कर दिया और दौड़ाते रहे। इस दौरान इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गई। मामला संज्ञान में आते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अपनाते हुए जिला अस्पताल के सीएमएस को सस्पेंड कर दिया, जबकि महिला अस्पताल की सीएमएस के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है।