जुबिली न्यूज डेस्क
प्रकृति ने हमें बेहतर जिंदगी जीने के लिए सब कुछ दिया है। इसीलिए प्रकृति को प्रत्यक्ष ईश्वर माना जाता है।
प्रकृति से जुड़ी हर चीज भगवान के विभिन्न स्वरूपों को प्रदर्शित करती है। हमारे आस-पास लगे पेड़-पौधे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करते हैं।
यदि पेड़-पौधे सही दिशा में लगे हों तो यह घर के वास्तु दोष दूर करते हैं तो वहीं गलत दिशा में लगे पेड़-पौधे नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न कर सकते हैं।
जानकारों के अनुसार बहुत ऊंचे या फलदार वृक्ष का संबंध सूर्य से माना जाता है तो वहीं तुलसी के पौधे को मां लक्ष्मी का रूप माना गया है।
ऐसी मान्यता है कि यदि घर में नकारात्मक ऊर्जा है तो तुलसी का पौधा उसे दूर कर देता है। वहीं केले के पेड़ के बारे में कहा जाता कि पेड़ की छांव में यदि विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं तो उन्हें जल्दी याद हो जाता है। यह स्मरण शक्ति को बढ़ाता है।
नीम की खूबी के बारे में तो हम सब जानते हैं। घर के आसपास नीम का पेड़ होना शुभ माना जाता है। यह सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।
हालांकि वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में पीपल का पेड़ लगाना उचित नहीं माना जाता है। पीपल का पेड़ घर में होने से धन की हानि हो सकती है। अगर घर में पीपल का पौधा उग आए तो इसे मंदिर में लगा दें।
इसके अलावा कैक्टस को घर में लगाना अशुभ माना जाता है। घर में बांस का पेड़ भी नहीं लगाना चाहिए। इसके लगाने से बनते कार्यों में बाधाएं आने लगती हैं।
ऐसा ही कुछ बेर के पेड़ के साथ है। कहा जाता है कि गलती से भी घर में बेर का पेड़ नहीं लगाना चाहिए। घर में या घर के पास बैर, पाकड़, बबूल, गूलर आदि कांटेदार पेड़ लगे होने से परिवार में कलह बढ़ सकती है।
हालांकि गुलाब इसका अपवाद है। घर की सीमा में जामुन और अमरूद के वृक्ष को छोड़कर कोई भी फलदार वृक्ष नहीं होना चाहिए।
दूध वाले वृक्ष भी घर में या घर के आसपास नहीं होने चाहिए। घर के पास कांटेदार वृक्ष भय उत्पन्न करते हैं।
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