जुबिली न्यूज डेस्क
हमारे जीवन में तुलसी के पौधे का बहुत महत्व है। तुलसी के पौधे का जितना धार्मिक महत्व है उतना ही आयुर्वेदिक। आयुर्वेद में तो तुलसी के पत्ते से तमाम बीमारियां ठीक की जाती हैं।
दरअसल तुलसी के पौधे को सुखी जीवन एवं कल्याण का प्रतीक माना गया है। तुलसी का पौधा अनेक दोषों को दूर करता है। इतना ही नहीं तुलसी का पौधा देवताओं की कृपा दिलाने में भी सहायक माना जाता है।
तुलसी मां को राधा रानी का अवतार माना गया है। वास्तु में तुलसी से जुड़े कुछ उपाय बताए गए हैं, जिनको आजमा कर आप अपना जीवन सुखी बना सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में।
सबसे पहले तो तुलसी के पौधे को घर की छत पर न रखें। इससे आर्थिक हानि की आशंका रहती है। वहीं भूलकर भी तुलसी की पत्तियों को नहीं चबाना चाहिए। तुलसी पत्ती को जीभ पर रखकर चूसना सही तरीका है।
इसके अलावा दही में तुलसी के कुछ पत्तों को मिलाकर खाने से स्वास्थ्य से जुड़ी कई परेशानियों से राहत मिलती है और दिनभर शरीर में ऊर्जा का संचार होता है।
अब कुछ धार्मिक महत्व के बारे में जान लेते हैं। तुलसी के पौधे की रोजाना पूजा करने से घर के सदस्यों में चल रहे मनमुटाव दूर हो जाते हैं। रसोईघर के पास तुलसी का पौधा रखने से घर के सदस्यों में सामंजस्य बढ़ता है।
यदि तुलसी की पत्तियों की बहुत जरूरत पड़ जाए तो तोडऩे से पहले पौधे को हिलाना न भूलें। तुलसी के पौधे का सूख जाना या फिर मुरझा जाना अशुभ माना जाता है।
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तुलसी का स्वास्थ्य के साथ-साथ धार्मिक महत्व भी है। सूर्यग्रहण, चंद्रग्रहण, एकादशी, संक्रांति, द्वादशी व शाम के समय तुलसी के पत्ते नहीं तोडऩे चाहिए।
इसके अलावा रविवार और मंगलवार को भी तुलसी के पत्ते तोडऩे की मनाही है। बिना नहाए कभी भी तुलसी के पत्ते न तोड़ें। घर के आंगन में तुलसी सौभाग्य को बढ़ाती है।
घर में यह पवित्र पौधा सभी दोष दूर करता है और वातावरण में सकारात्मकता बनाए रखता है। तुलसी का पौधा घर में लगाने से परिवार के सदस्यों की स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है।
तुलसी के पौधे के सम्मुख शाम को दीया जलाने से सुख-समृद्धि आती है। इस पवित्र पौधे के आसपास पवित्रता बनाए रखना बहुत जरूरी है।