जुबिली न्यूज डेस्क
11 मार्च को महाशिवरात्रि है। इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को महाशिवरात्रि मनाई जाती है।
शिव भक्तों के लिए यह खास दिन होता है। इस दिन भक्त भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए व्रत व पूजा-अर्चना करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान शिव की पूजा के दौरान कुछ विशेष चीजों को अर्पित नहीं करना चाहिए।
शिवलिंग पर न चढ़ाएं तुलसी
हिंदू धर्म में तुलसी का विशेष महत्व होता है। सभी शुभ कार्यों में तुलसी का प्रयोग किया जाता है, लेकिन भगवान शिव को तुलसी अर्पित करना वर्जित होता है।
ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव को तुलसी अर्पित करने से पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है। इसलिए महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा में तुलसी का प्रयोग न करें।
शंख है वर्जित
ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव की पूजा में शंख का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान भोलेनाथ ने शंखचूड़ नाम के एक असुर का वध किया था, जो भगवान विष्णु का प्रिय था। शंख को उसी असुर का प्रतीक माना जाता है। इसलिए शिव पूजा में शंख का प्रयोग वर्जित माना जाता है।
टूटा हुआ चावल ना करें अर्पित
भोलेनाथ की पूजा में अक्षत (साबुत चावल) का प्रयोग करना शुभ माना जाता है। कहते हैं कि टूटा हुआ चावल अशुद्ध होता है। इसलिए शिव जी की पूजा में टूटे हुए चावल का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
नारियल पानी से न करें अभिषेक
महाशिवरात्रि के दिन भोलेनाथ का अभिषेक नारियल पानी से नहीं करना चाहिए। नारियल को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। जिनका संबंध भगवान विष्णु से है।
ना करें अर्पित सिंदूर
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा में कुमकुम या सिंदूर नहीं प्रयोग करना चाहिए। भगवान शिव को वैरागी माना जाता है, जबकि कुमकुम सौभाग्य का प्रतीक होता है। इसलिए कुमकुम या सिंदूर को शिवलिंग पर नहीं अर्पित करना चाहिए।